छात्रों ने मुख्य आरक्षाधिकारी से अपने बयान के लिए माफी मांगने की मांग की
मीडियाविजिल प्रतिनिधि / वाराणसी
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर स्थित महिला महाविद्यालय परिसर में शौचालय का उपयोग करने से दलित छात्रा को रोके जाने के मामले में तीन सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट आ गई है। विश्वविद्यालय के मुख्य आरक्षाधिकारी प्रो. ओपी राय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर साफ किया है कि छात्रा अर्चना कुमारी महिला महाविद्यालय परिसर स्थित महिला छात्रावास के शौचालय का इस्तेमाल करने जा रही थी और सुरक्षाकर्मी ने उसे रोककर अस्पताल स्थित शौचालय का इस्तेमाल करने को कहा।
विश्वविद्यालय के मुख्य आरक्षाधिकारी ने विज्ञप्ति में लिखा है कि गत 11 जुलाई को महिला महाविद्यालय के महिला छात्रावास स्थित शौचालय का उपयोग करने से बीएचयू की एक छात्रा को सुरक्षाकर्मी द्वारा रोके जाने की घटना में गार्ड को मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए था जो उसने नहीं अपनाया। अत: उसे 15 दिनों तक अवैतनिक अवकाश पर भेज दिया गया है और उसे भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं करने की चेतावनी दी गई है।
प्रो. ओपी राय ने हालांकि मीडिया को दिये गए अपने गैर-जिम्मेदाराना बयान के लिए माफी नहीं मांगी है। उन्होंने मीडिया को दिये गए बयान में कहा था कि छात्रा पुरुष शौचालय का इस्तेमाल करने जा रही थी तो सुरक्षाकर्मी ने उसे रोका था। उधर, विश्वविद्यालय के छात्रों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मुख्य आरक्षाधिकारी से अपने बयान के लिए माफी मांगने की मांग की है।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा चलाये जा रहे फेसबुक पेज बीएचयू बहुजन पर छात्रों ने लिखा है:
‘’….इस पूरे मामले में अभी तक केवल आंशिक निर्णय प्राप्त हुआ है। ‘पूरे मामले का संज्ञान न होने के कारण जिस प्रकार से आदरणीय मुख्य आरक्षाधिकरी महोदय के द्वारा बयान दिया गया जिसके कारण समाज में छात्रा को लेकर एक गलत संदेश प्रसारित हुआ उसका खंडन किया जाना अभी बाकी है’। हमें बीएचयू प्रशासन और प्रॉक्टोरियल बोर्ड पर भरोसा है कि जल्द ही इस मामले में स्पष्ट बयान जारी करते हुए इस बात का खंडन किया जाएगा कि इस पूरे मामले की वास्तविक यथा स्थिति क्या थी। अभी तक हम सभी जांच समिति के रिपोर्ट को प्राप्त करने में अक्षम हैं निसंदेह जांच कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो सके की किन परिस्थितियों में छात्रा को संघर्ष हेतु आगे आना पड़ा और आगे से यह घटना BHU की छात्राओं हेतु एक प्रेरणा बन सके जिससे वे अपने हक और अधिकारियों की लड़ाई को संवैधानिक तरीके से बीएचयू परिवार में अपने प्रशासनिक अमले के सामने पूरे सम्मान और गरिमा के साथ उठा सकें और उसका समाधान प्राप्त कर सकें।‘’
बता दें कि गत 11 जुलाई को विश्वविद्यालय की छात्रा अर्चना कुमारी महिला महाविद्यालय के महिला छात्रावास में शौचालय का इस्तेमाल करने जा रही थी तो सुरक्षाकर्मी ने उसे रोक दिया था। छात्रा ने विश्वविद्यालय के मुख्य आरक्षाधिकारी, कुलसचिव और कुलपति से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई थी।
मीडियाविजिल ने घटना के दिन ही इस खबर को प्रमुखता से छापा था। इसके बाद मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी।