पं जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और हमारे तमाम पुरखों ने देश के लिए कुछ ऐसे संस्थान बनाए जो आज भी हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। जीवन बीमा निगम (LIC) भी उन्हीं में से एक है। मात्र पांच करोड़ रुपये से शुरू हुई LIC अब तक देश के विकास में 35 लाख करोड़ से ज्यादा का योगदान दे चुकी है। आज 30 करोड़ लोग इसके बीमाधारक हैं और तकरीबन 14 लाख लोगों को रोजगार मिलता है।
देश की आम जनता, डॉक्टर, मास्टर, वकील, लेखपाल, इंजीनियर, वर्कर, किसान, गरीब और मध्यवर्ग के लोग अपनी मेहनत की कमाई से छोटे-छोटे बीमा कराते हैं ताकि अपना और अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित रख सकें। LIC में देश के करोड़ों मेहनतकश लोगों की गाढ़ी कमाई लगी है। LIC देश का रत्न है। मगर भाजपा सरकार अब देश के इस रत्न को नीलाम करना चाह रही है।
ये सरकार LIC को बेचकर आपका भविष्य और भरोसा दोनों छीनना चाहती है।
नोटबंदी, गलत GST, बिना योजना लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ने की इस प्रक्रिया में पिछले सात सालों में LIC और ONGC जैसी देश की कई नवरत्न कम्पनियों को सरकारी दबाव का इस्तेमाल करते हुए श्री नरेंद्र मोदी जी के खरबपति मित्रों को हुए औद्योगिक घाटे और उनके कर्ज़ों को चुकाने के लिए मजबूर किया गया। उनकी घाटे की कंपनियां और डूबते प्राइवेट बैंकों को बचाने का बोझ LIC पर डाला गया। यहां तक कि LIC को डिफॉल्टर प्राइवेट कंपनियों को भी बचाने के लिए मजबूर किया गया।
इसके बाद खरबपति मित्रों की जेब भरने के लिए जानबूझकर जल्दबाजी में LIC के शेयर बेचे गए, जिससे सरकारी खजाने को तकरीबन 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सरकार उन राष्ट्रीय संपत्तियों को बेच रही है जो देश की आर्थिक स्वतंत्रता की सुरक्षा करती हैं। ऐसा करके सरकार देश को आर्थिक रूप से कमजोर बना रही है। अपने को राष्ट्रवादी पार्टी कहने वाली भाजपा का यह कैसा राष्ट्रप्रेम है जो राष्ट्र की संपत्ति को ही बेचने पर उतारू है?
प्रियंका गांधी के फेसबुक पेज से साभार।