हत्या के आरोपियों के स्वागत का जो सिलसिला शुरू किया गया था वह अब भी बदस्तूर जारी है. साल 2018 में बुलंदशहर में हुई हिंसा जिसमें सुबोध कुमार नामक एक इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, उसके 6 आरोपियों को जमानत मिलने के बाद हिन्दूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने जय श्री राम और वंदे मातरम के नारों के बीच माला पहनाकर उनका भव्य स्वागत किया . जेल से बाहर आए आरोपियों को फूलों की माला पहनाई गयी और उनके साथ सेल्फी ली.
#WATCH Bulandshahr: Six accused persons in the #BulandshahrViolence case in which Inspector Subodh Kumar was killed last year, were welcomed with garlands after they were released on bail, yesterday. pic.twitter.com/PtuR2eHBsh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 25, 2019
बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जीतू फौजी, शिखर अग्रवाल, हेमू, उपेंद्र सिंह राघव, सौरव और रोहित राघव शनिवार, 23 अगस्त को कोर्ट से जमानत लेकर जैसे ही जेल से बाहर आए, उनका भव्य स्वागत किया गया. शिखर अग्रवाल भाजपा युवा मोर्चा के स्याना के पूर्व नगर अध्यक्ष हैं जबकि उपेंद्र सिंह राघव आरएसएस से संबंध रखते हैं.
बीते साल 3 दिसंबर को स्याना के चिंगरावटी गांव में गोकशी की अफवाह के बाद इलाके में हिंसा भड़क गई थी. उस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस हिंसा में सुमित कुमार नाम के एक युवक की भी मौत हो गई थी. पूरा गांव आगजनी और बवाल की भेंट चढ़ गया था. लोगों ने सरकारी वाहन और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने 38 लोगों को गिरफ्तार किया था. 38 में से 6 आरोपी जमानत पर रिहा होकर शनिवार को बाहर निकले.
हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन करते हुए इस मामले के जांच के आदेश दिए थे, जिसमें 5 लोगों पर इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या का आरोप लगा था साथ ही 33 लोगों पर हिंसा और आगजनी उकसाने के आरोप लगाए थे. जिनमें शिखर अग्रवार और उपेंद्र राघव का नाम शामिल है.
वहीं बुलंदशहर दंगे में मारे गये इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की पत्नी ने आरोपियों के जमानत रद्द किये जाने की मांग की है. सुबोध सिंह की पत्नी ने कहा है कि उन्हें इस खबर से गहरा दुःख पहुंचा है. उन्होंने सवाल किया है कि किस आधार पर आरोपियों को जमानत दी गई है ? साथ ही सुबोध की पत्नी ने मुख्यमंत्री से सभी आरोपियों की जमानत रद्द करने की मांग की है.
Wife of Late Inspector Subodh Singh (who was killed last year in #BulandshahrViolence) on 6 accused persons in #BulandshahrViolence case getting bail:This judgement has saddened me. On what basis this judgement has been given. I demand from CM that their bail should be cancelled. pic.twitter.com/rCl9dGNuuB
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 26, 2019
इससे पूर्व जुलाई 2018 को जब झारखंड के रामगढ़ में बीफ ले जाने के शक में मारे गए युवक (अलीमुद्दीन) की हत्या के 8 आरोपियों को झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत दी थी तब मोदी सरकार की पहली पारी में तत्कालीन केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री रहे जयंत सिन्हा ने उन आरोपियों का माला पहनाकर स्वागत किया था. साथ ही बीजेपी जिला कार्यालय में मिठाई बांटी गई थी.