‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कहा है कि तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण चल रहे इस आंदोलन को भाजपा सरकार अब ‘साम्प्रदायिक’ रंग दे रही है। सरकार द्वारा जिस तरह से पिछले 3 दिनों से गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर माहौल खराब करने के असफल प्रयास किये हैं उससे सिद्ध होता है कि सरकार पुलिस और भाजपा-आरएसएस के लोगों द्वारा इस आंदोलन को खत्म कराना चाहती है। टीकरी धरने पर ऐसे ही असफल प्रयास किये गए।
‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि हम गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे किसानों का प्यार देखकर अभिभूत हैं। सरकार और कई संगठन ये मान चुके थे कि गाजीपुर धरना अब खत्म हो गया है परंतु उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों ने यह फिर से सिद्ध कर दिया कि किसानों के हौंसले बुलंद हैं।
‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर प्रस्तावित “सद्भावना दिवस” पर दिल्ली के सभी बॉर्डर्स समेत देशभर के धरनों पर सुबह 9 बजे से 5 बजे तक अनशन रखा जाएगा। किसानों का आंदोलन शांतमयी था और शांतमयी रहेगा। यह दिन सत्य और अहिंसा के विचारों को प्रसारित करने के लिए मनाया जाएगा। सरकार जिस तरह से सुनियोजित झूठ और हिंसा फैला रही है उसकी निंदा और विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा।
मोर्चा ने कहा कि हरियाणा में स्थानीय स्तर पर किसान संगठनों और ग्राम पंचायतों में लोगों ने प्रस्ताव पारित कर दिल्ली आने और अन्य सहायता उपलब्ध कराने के कदम की हम प्रशंसा करते हैं।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ पुलिस द्वारा लगातार की जा रही हिंसा की कड़ी निंदा करता है। किसान आंदोलन को धरनों के आसपास के निवासियों का पूर्ण सहयोग रहा है। सरकार के लोग उन लोगों को किसानों के खिलाफ भड़का रहे हैं पर उनकी यह कोशिश असफल साबित हो रही है। आसपास के लोग किसानों के साथ अपना दर्द बांटते हुए लंगर और सफाई में अपना योगदान दे रहे हैं।