बेरोजगारी की समस्या को लेकर सरकार के खिलाफ देश भर में युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा है। छात्र-युवा लगातार सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन को देश के युवा ‘राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस’ व ‘जुमला दिवस’ के रूप में मनाया। आज दिनभर सोशल मीडिया पर #NationalUnemploymentDay, #राष्ट्रीय_बेरोज़गार_दिवस, और #जुमला_दिवस टॉप पर ट्रेंड करते रहे। देश भर में छात्र-युवा सड़कों पर उतरे, कई जगहों पर मशाल जुलूस निकाले गए। इस दौरान कई जगहों पर पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया।
प्रयागराज में कई जगहों पर छात्र-युवा सड़कों पर उतर आए। जहां उनकी पुलिस से जमकर भिड़ंत हुई। बालसन चौराहे पर युवा मंच के बैनर तले हजारों छात्र-युवाओं ने भर्ती में संविदा प्रथा खत्म करने, खाली पदों को भरने, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने, निजीकरण पर रोक लगाने जैसे सवालों को लेकर प्रदर्शन किया। यहां पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह समेत ग्यारह युवाओं को गिरफ्तार कर लिया।
मोदी जी के संसदीय क्षेत्र बनारस में बीएचयू के छात्रों ने एक बड़ा मशाल जुलूस निकालकर राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस मनाया। इस दौरान छात्रों ने अपनी डिग्रियों की प्रतियां भी जलाईं।
लखनऊ में यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ओमवीर समेत 18 नेताओं को योगी सरकार ने जेल भेज दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में छात्र-युवाओं के साथ सड़क पर उतरे थे। वहीं अलीगढ़ में बेरोजगार दिवस पर प्रदर्शन कर रहे अलीगढ़ जिलाध्यक्ष सहित 18 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा सरकार ने जेल भेज दिया है। इलाहाबाद में कांग्रेस महासचिव विवेकानंद पाठक, NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव, जिला अध्यक्ष बालकिशुन पटेल, संजय तिवारी, सुरेश यादव समेत कई नेताओं को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। कांग्रेस कार्यकर्ता लोकसेवा आयोग के गेट पर अपना विरोध दर्ज कर रहे थे।
बिहार के कई जिलों में छात्र-युवा आइसा-आरवाईए के बैनर तले सड़कों पर उतरे। मोदी और नीतीश सरकार की रोजगार विरोधी नीतियों के खिलाफ छात्र-युवाओं ने मशाल जुलूस निकाल पर अपना विरोध दर्ज कराया। झारखंड में भी युवाओं ने मशाल जुलूस निकाल पर अपने गुस्से का इजहार किया।
बिहार के आरा में AISA-RYA के नेतृत्व में छात्रों-युवाओं ने मशाल जुलूस निकालकर राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस मनाया। इस मौके पर AISA-RYA नेताओं ने बरोजगारी में बिहार के नम्बर वन होने पर मोदी और नीतीश सरकार पर सवाल उठाये।
ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के
अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के!आरा में AISA,RYA के नेतृत्व में छात्रों-युवाओ ने मशाल जुलूस निकाल मनाया #राष्ट्रीय_बेरोजगारी_दिवस
बिहार बरोजगारी में नम्बर वन क्यो? मोदी-नीतीश सरकार जबाब दो।#17bje17minute#NationalUnemploymentDay pic.twitter.com/WvFOLKBvx2
— AISA Bihar (@AISA_Bihar) September 17, 2020
छात्र-युवाओं के आंदोलन पर राजनीतिक दलों और संगठनों की प्रतिक्रियाएं
ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एसआर दारापुरी, युवा हल्ला बोल के गोविन्द मिश्र, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह, वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर, युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने युवाओं पर हुए लाठीचार्ज व गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मोदी-योगी सरकार को युवाओं पर दमन ढाने की जगह रोजगार के सवाल को हल करना चाहिए।
नेताओं ने सरकार से बिना शर्त युवाओं की अविलंब रिहाई की मांग करते हुए कहा कि वित्तीय पूंजी की सेवा में लगी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है. इसलिए किसी भी दमन से युवा आंदोलन रूकने वाला नहीं है। बल्कि यदि सरकार ने रोजगार के सवाल को हल नहीं किया तो यह उसके लिए घातक साबित होगा। नेताओं ने देश के सभी युवाओं व छात्र युवा संगठनों को रोजगार के सवाल पर सफल युवा आंदोलन के लिए बधाई भी दी।
‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम ने कहा कि देश का विकास तभी संभव है जब इस भीषण बेरोज़गारी को दूर करने के उपाय किये जाएंगे। इस सफल डिजिटल प्रोटेस्ट पर सभी को बधाई देते हुए अनुपम ने कहा कि बिना टीवी मीडिया की मदद के और बिना राजनीतिक दलों के आगे पीछे किए युवाओं ने आज अपना एजेंडा खुद सेट कर लिया। 17 सितम्बर के जुमला दिवस और बेरोज़गारी दिवस की ज़ोरदार सफलता से मोदी जी को ये भी संदेश मिल गया होगा कि देश के युवा कितने “आत्मनिर्भर” हो चुके हैं। अब ये बेरोज़गार युवा मीडिया या पार्टियों के भरोसे नहीं हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक अखबार की खबर ट्वीट कर कहा है कि “यही कारण है कि देश का युवा आज राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस मनाने पर मजबूर है। रोज़गार सम्मान है। सरकार कब तक ये सम्मान देने से पीछे हटेगी?
यही कारण है कि देश का युवा आज #राष्ट्रीय_बेरोजगारी_दिवस मनाने पर मजबूर है।
रोज़गार सम्मान है।
सरकार कब तक ये सम्मान देने से पीछे हटेगी?Massive unemployment has forced the youth to call today #NationalUnemploymentDay.
Employment is dignity.
For how long will the Govt deny it? pic.twitter.com/FC2mQAW3oJ— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 17, 2020
छात्र-युवाओं पर लाठीचार्ज और उनकी गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बीजेपी सरकार पर निशान साधा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि “युवाओं की भर्तियों पर ताला लगाना अन्याय है। इस अन्याय के खिलाफ युवा अपना हक मांगने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं तो उनकी बात सुननी चाहिए। आपकी लाठी इस युवा ललकार को दबा नहीं सकती।”
5 साल संविदा कानून एक काला कानून है।
युवाओं की भर्तियों पर ताला लगाना अन्याय है।इस अन्याय के खिलाफ युवा अपना हक मांगने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं तो उनकी बात सुननी चाहिए।
आपकी लाठी इस युवा ललकार को दबा नहीं सकती।#राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस #NationalUnemploymentDay pic.twitter.com/EJMFj7B3WI
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 17, 2020
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि “जब जवान भी ख़िलाफ़, किसान भी ख़िलाफ; तब समझो दंभी सत्ता के दिन अब बचे हैं चार।
जब जवान भी ख़िलाफ़, किसान भी ख़िलाफ
तब समझो दंभी सत्ता के दिन अब बचे हैं चार— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 17, 2020