योगी राज में उत्तर प्रदेश में दलितों और महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार के फिलाफ 19 अक्टूबर को आइसा ने दिल्ली स्थित यूपी भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उन्नाव की घटना के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की और योगी आदित्यनाथ के इस्तीफ़े की माँग की।
विरोध प्रदर्शन के दौरान आइसा कार्यकर्ताओं की दिल्ली पुलिस द्वारा आइसा के जमकर खींचतान हुई। बाद में पुलिस ने कई छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। जिसमें आइसा के दिल्ली राज्य सचिव काशिफ़ एजाज़, दिल्ली राज्य उपाध्यक्ष डोलन सामंत और नेहा समेत कई छात्र छात्राएं शामिल थीं।
प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया, जहां पर की योगी आदित्यनाथ की ब्राह्मणवादी सरकार के खिलाफ नारे और लोकगीत जारी रहे।
#YogiAdityanath should Resign!#JusiceForUnnaoDalitGirls pic.twitter.com/SLwbM14q2q
— N Sai Balaji | ఎన్ సాయి బాలాజీ (@nsaibalaji) February 19, 2021
आइसा दिल्ली की उपाध्यक्ष डोलन ने कहा कि “योगी आदित्यनाथ के राज में उत्तर प्रदेश जातिवादी और पितृसत्तात्मक हिंदू राष्ट्र के लिए प्रयोगशाला का काम कर रहा है। सभी लोकतांत्रिक संगठनों को इसके ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करनी चाहिए। डोलन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं, दलितों और मुसलमानों पर अत्याचार प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे।“
इस बात को आगे बढ़ाते हुए नेहा ने कहा की “उत्तर प्रदेश में महिलायें सुरक्षित महसूस नहीं करती, दलितों की लिंचिंग और मुस्लिमों में डर का माहौल बना हुआ है। नेहा ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार लोगों को सुरक्षित महसूस कराने में असमर्थ हैं इसीलिए उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।“
AISA activists, students & other protesters who were demanding #JusticeForUnnaoVictims have been detained by Delhi Police.
Under Yogi govt attacks on dalits & women are rising. Rather than ensuring justice, this is what BJP is doing harassing protesters & denying justice. pic.twitter.com/cFGsxAN9Te
— AISA (@AISA_tweets) February 19, 2021
आइसा नेताओं ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जा रही हिंसा, उत्तर प्रदेश के जंगल राज के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने से नहीं रोक पाएगी।
आइसा नेताओं ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तुरंत इस्तीफ़े की माँग करते हैं और यह भी माँग करते हैं की पीड़िता को तुरंत चिकित्सकीय सहायता दी जाए और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ़्तार किया जाए।
3 बजे के क़रीब सभी प्रदर्शनकारियों को मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन से छोड़ा गया।