बदायूँ रेप कांड के खिलाफ यूपी-बिहार में ऐपवा का विरोध प्रदर्शन, मांगा योगी का इस्तीफा !

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आखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने उत्तर प्रदेश के बदायूं में महिला से मंदिर में गैंग रेप और हत्या के खिलाफ यूपी-बिहार समेत कई राज्यों मेॆं विरोध प्रदर्शऩ किया। ऐपवा ने यूपी में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और रेप के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं ने आज ऐपवा के बैनर तले विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शऩ किया। ऐपवा ने कहा कि प्रदेश की महिलाओं को सुरक्षा मुहैया करा पाने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से विफल हो चुके हैं, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं  है। योगी आदित्यनाथ को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।

ऐपवा उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा कि योगी राज में महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या की घटनाएँ शर्मनाक ढंग से बढ़ती जा रही हैं। उन्नाव, लखनऊ, हाथरस और अब बदायूं मामले से स्पष्ट है कि सत्ता संरक्षण में यूपी पुलिस अपराधियों को बचा रही है। बदायूं की आंगनबाड़ी कर्मी महिला का मंदिर के अंदर महंत और उंसके दो सहयोगी द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया। मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि उंसके गुप्तांगों में लोहे की रॉड डाली गयी। रक्तस्राव से उसकी मौत हो गई और उसकी लाश को कुंए में फेंक दिया गया। घटनास्थल पर पुलिस का देर से पहुंचना, एफआईआर में आत्महत्या की कोशिश दिखाना और मुख्य आरोपी महंत को गिरफ्तार करने के बजाय उसे फरार करवाने में सहयोग करना, उत्तर प्रदेश पुलिस के घिनौने चेहरे को सामने लाता है।

ऐपवा की प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने कहा कि बदायूं की मृत आगनबाड़ी महिलाकर्मी के शोक संतृप्त परिवार के साथ हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। जनदबाव में आकर घटना के पाँच दिन बाद फरार अपराधियों की गिरफ्तारी हो पायी है। हम मांग करते हैं अपराधियों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चला कर कड़ी से कड़ी सजा की गांरन्टी की जाए। कुसुम वर्मा ने कहा कि बदायूं घटना को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी द्वारा बलात्कार की शिकार महिला (जिसकी मौत हो चुकी है) को ही बलात्कार के लिए जिम्मेदार ठहराने वाला महिला विरोधी बयान देना राष्ट्रीय महिला आयोग की गरिमा के खिलाफ है। इसलिए हम मांग करते है कि चंद्रमुखी देवी की राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्यता खारिज की जाए।

उत्तर प्रदेश के मथुरा लखीमपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, सीतापुर, देवरिया, गोरखपुर, वाराणसी, भदोही चन्दौली, मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया, सोनभद्र, आदि जिलों में ऐपवा के बैनर तले महिलाओं में विरोध प्रदर्शऩ किया।

बिहार के कई जिलों में ऐपवा का प्रतिवाद मार्च 

बदायूं बलात्कार व हत्याकांड के खिलाफ आज ऐपवा के बैनर से बिहार में भी महिलाओं ने पटना सहित कई जिलों में प्रतिवाद मार्च का आयोजन किया। पटना में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने इस बर्बर घटना के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को जिम्मेवार बताते हुए उनके अविलंब इस्तीफे की मांग की। उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी के बयान को भी आपत्तिजनक बताया और उनके भी इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि आज भाजपा के राज में यूपी को महिलाओं के बलात्कार व हत्याकांडों का प्रदेश बना दिया गया है। वहां महिलायें न घर में सुरक्षित हैं, न बाहर और न ही मंदिरों में।

मीना तिवारी ने महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि वे बिहार भाजपा की सदस्य रहीं हैं और महिलाओं के पक्ष में बोलने की बजाए भाजपा व सरकार की भाषा बोल रही हैं। उन्होंने कहा कि आज बिहार में भी महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार की वारदातों में इजाफा हुआ है।

पटना के मार्च में शामिल ऐपवा नेत्री अफ्शाँ जबीं ने मौजूदा सरकार में महिलाओं पर लगातार बढ़ रहे अपराधों पर सवाल करते महिलाओं के बराबर अधिकारों की माँग की। ऐपवा नगर अध्यक्ष मधु ने लव जिहाद जैसे कानून को महिलाओं के अधिकार पर हनन बताते हुए महिलाओं पर अत्याचार से जोड़ते हुए अपनी बात रखी। आसमा खान ने कहा कि इस सरकार में धार्मिक जगहों पर भी महिलाएं असुरक्षित हैं।

मार्च में आईसा की नेत्री प्रियंका, नीतू और आरफा, विभा गुप्ता, राखी मेहता, मीरा दत्त, अनुराधा देवी, इंशा, समेत बड़ी संख्या में महिलाएं मार्च में शामिल थीं।

इसी के साथ ऐपवा महिलाओं ने फातिमा शेख की जयंती पर फातिमा शेख एवं सावित्रीबाई फूले की साझी विरासत को भी याद करते हुए छज्जूबाग और कंकड़बाग में सभा का आयोजन किया।

 


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