यह घटना रविवार शाम की है जब महिला पूजा करने गाँव के मंदिर में गयी थी। परिजनों ने बताया कि महिला पूजा करके नहीं लौटी तो घर के लोग परेशान हो गये। रात को मंदिर का पुजारी सत्यनारायण और उसके साथी वेदराम और ड्राइवर जसपाल महिला को लेकर घर आये। महिला के शरीर से खून बह रहा था। बाद में उसकी मौत हो गयी।
मंगलवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर गैंगरेप और हत्या की बात पता चली है। साथ ही गुप्तांग में लोहे की छड़ जैसी चीज़ डालने की बात भी पता चली है। हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने घरवालों की जगह पहले पुजारी की बात पर यकीन किया जो कह रहा था कि महिला कुएँ में गिरने से घायल हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही परिजनों के आरोप के आधार पर एफआईआर दर्ज हुई। आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने लीपापोती की कोशिश की। पुजारी सत्यनारायण फ़रार हो गया है। लापरवाही बरतने वाले एक थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।
विपक्ष इसे योगी सरकार की नाकामी बता रहा है। हाथरस के बाद बदायूँ की इस घटना ने एक बार फिर यूपी के पुलिस प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल खड़ा कर दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने घटना की तीखी निंदा करते हुए ट्वीट किया है-
हाथरस में
सरकारी अमले ने शुरुआत में फरियादी की नहीं सुनी, सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया
बदायूं में
थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी, घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया।
महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नियत में खोट है।https://t.co/3RKcDN0auV
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 6, 2021
ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी और प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि-
“उत्तर प्रदेश के बंदायू जिले के उघेती गाँव में महिला आंगनबाड़ी कर्मी के साथ मंदिर के महंत और उसके दो सहयोगी ने सामूहिक बलात्कार किया। मेडिकल रिपोर्ट से ज्ञात हुआ है कि महिला के गुप्तांग में लोहे का रॉड डाला गया, उंसके आंतरिक अंगों में भी काफी चोटें आईं है, अनियंत्रित रक्तस्राव के कारण महिला की मौत हो गई है। तीनों अपराधियों में से, मुख्य दोनों अपराधी अभी भी फरार हैं। इस पूरी मामले में पुलिस के बयान और उनकी भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।