पिछले एक साल से दिल्ली की सीमा पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता छोड़ने को कहा, जिसके बाद गाज़ीपुर बॉर्डर यानी यूपी गेट पर हड़कंप दिखाई दी। गुरुवार को किसानों ने यूपी गेट पर फ्लाईओवर के नीचे सर्विस लेन को खोल दिया। यहां से किसानों ने अपने तंबू हटा दिए हैं। बता दें किसानों ने सबसे पहले इसी रास्ते को रोका था।
प्रदर्शन करने का अधिकार है, अनिश्चितकाल के लिए सड़कों को ब्लॉक करने का नहीं: SC
किसानों ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद उठाया। आज यानी गुरुवार को एक बार फिर इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई हुई। किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन अनिश्चितकाल के लिए सड़कों को ब्लॉक नहीं कर सकते। शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि सड़कों को अवरुद्ध करके विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है। कोर्ट में सुनवाई के बाद गाज़ीपुर बॉर्डर फ्लाईओवर के नीचे सर्विस से किसानों ने तंबू हटा दिए और रास्ता खोल दिया है। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि सड़कों को विरोध करने वाले किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस ने जाम किया है।
दिल्ली पुलिस ने बैरियर लगाकर सड़कों को जाम किया: राकेश टिकैत
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किसानों ने नहीं, दिल्ली पुलिस ने बैरियर लगाकर सड़कों को जाम कर दिया है। बैरिकेडिंग तक वाहन आ रहे हैं। दिल्ली पुलिस बैरिकेडिंग हटाए। टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा तय करेगा कि सड़क खुलने पर किसान दिल्ली जाएंगे या नहीं। टिकैत ने आंदोलन को लेकर कहा कि अगर भारत सरकार नहीं मानी तो आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि किसान यहां से नहीं हटेंगे बल्कि लोगों को रास्ता देंगे। टिकैत ने कहा कि हम यहां पोस्टर लगाएंगे कि भारत सरकार ने रास्ता रोका हुआ है।
किसान संयुक्त मोर्चा ने जारी किया बयान..
किसान संयुक्त मोर्चा ने बयान जारी कर कहा है, ‘किसान भाइयों, यह अफवाह फैलाई जा रही है कि गाज़ीपुर बॉर्डर खाली कराया जा रहा है। यह पूरी तरह से निराधार है, हम यह दिखा रहे हैं कि सड़क को दिल्ली पुलिस ने बंद किया है, किसानों ने नहीं।’
गैरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगभग पिछले साल नवंबर माह से प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों का पिछले एक साल से विरोध जारी हैं। अब किसानों को सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता छोड़ने के लिए कहा है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने विरोध कर रहे किसानों को सड़कों से हटाने की मांग वाली याचिका पर संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य किसान संघों को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि सड़कों को विरोध करने वाले किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस ने जाम किया है। इस मामले पर सात दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।