महिलाओं को राज्य में सुरक्षित बताने वाले सीएम योगी आदित्यानक के यूपी में पिछले साल सबसे ज़्यादा महिलाओं के साथ ही अपराधों को अंजाम दिया गया है। इस बात का खुलासा राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने किया है। दरअसल, एनसीडब्ल्यू को महिलाओं के खिलाफ अपराधों की करीब 31,000 शिकायतें पिछले साल प्राप्त हुई थीं, जो 2014 के बाद से सबसे अधिक हैं। इस प्राप्त शिकायतों में आधे से ज्यादा शिकायत उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने की है। इसी के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग ने यह भी कहा कि वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की शिकायतों में 30% की वृद्धि हुई है।
जुलाई से सितंबर तक हर महीने 3,100 से ज्यादा शिकायतें..
एनसीडब्ल्यू के मुताबिक, पिछले साल जुलाई से सितंबर तक हर महीने 3,100 से ज्यादा शिकायतें मिलीं। जबकि पिछली बार 3,000 से अधिक शिकायतें तब प्राप्त हुई थीं, जब नवंबर 2018 में भारत का “मी टू” आंदोलन अपने चरम पर था।
घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न के 10 हजार से अधिक मामले..
आज के समय में जब महिलाएं तरक्की के रास्ते पर है। केंद्र और राज्य सरकारें महिलाओं के हक की बाद करती हैं। तब भी एनसीडब्ल्यू के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के बीते साल 10 हजार से अधिक मामले है। वहीं, इन आंकड़ों के मुताबिक प्राप्त 30,864 शिकायतों में से….
- 11,013 शिकायतें महिलाओं के भावनात्मक शोषण को ध्यान में रखते हुए सम्मान के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं।
- घरेलू हिंसा से संबंधित 6,633 शिकायतें थीं।
- दहेज उत्पीड़न से संबंधित 4,589 शिकायतें थीं।
किस राज्य में महिलाओं के खिलाफ कितनी शिकायत दर्ज?
बात करें उत्तर प्रदेश की तो यह महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में टॉप पर है। यहां महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सबसे अधिक शिकायत दर्ज की गईं। एनसीडब्ल्यू द्वारा बताए गए आंकड़ों में इन राज्यों से इतनी शिकायतें दर्ज की गईं…
- उत्तर प्रदेश – 15,828
- दिल्ली- 3,336
- महाराष्ट्र- 1,504,
- हरियाणा- 1,460
- बिहार- 1,456
सम्मान के साथ जीने के अधिकार से जुड़ी भीं सबसे ज्यादा शिकायतें यूपी से..
वहीं, एनसीडब्ल्यू के अनुसार 2014 के बाद से पिछले साल प्राप्त शिकायतों की संख्या सबसे अधिक है। 2014 में कुल 33,906 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। बता दें कि एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के मुताबिक, सम्मान के साथ जीने के अधिकार और घरेलू हिंसा से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुई हैं।