जम्मू-कश्मीर में साल 2019 के बाद में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत 1948 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं 34 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने डीएमके सदस्य तिरुचि शिवा के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी है। आपको बता दें कि आज के दिन ही यानी 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से साल 2019 को आर्टिकल 370 हटाया गया था। तब से अब तक यूएपीए के तहत बुक किए गए लगभग 50% लोग और पीएसए के तहत हिरासत में लिए गए 30% लोग अभी भी जेल में हैं।
2019 से अब तक के आधिकारिक आंकड़े…
इंडियन एक्सप्रेस में छपे आधिकारिक पुलिस आंकड़ों के अनुसार , 2019 में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत 699 लोगों को, 2020 में 160 और इस साल जुलाई 2021 के अंत तक 95 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इनमें करीब 30 फीसदी या 284 लोग अब भी नजरबंद हैं।
जबकि 2019 से यूएपीए के तहत 2,364 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं 1,100 अभी भी हिरासत में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में 437 मामलों में 918 लोगों को, 2020 में 557 मामलों में 953 लोगों को और इस साल जुलाई के अंत तक 275 मामलों में 493 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
आर्टिकल 370 हटाने के 30 दिनों में 290 पर पीएसए
5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द किए जाने के 30 दिनों के भीतर, 290 लोगों पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था । हिरासत में लिए जाने वालों में युवाओं, वकीलों और कार्यकर्ताओं के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता शामिल हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस कानून के तहत हिरासत में लिए गए कम से कम 250 लोग कश्मीर क्षेत्र के थे।