यूपी: पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ क़ुरैशी पर राजद्रोह का केस दर्ज, बोले- मेरी गलत छवि दिखाने की कोशिश!

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उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ क़ुरैशी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अपमानजनक टिप्पणी और अर्मायदित शब्दों का प्रयोग करने के आरोप में यूपी पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज किया है। भाजपा नेता आकाश सक्सेना की तहरीर पर रामपुर सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है। रविवार को कुरैशी के खिलाफ यह कानूनी कार्रवाई की गई है।

इन धाराओं पर मुकदमा..

पुलिस ने बीजेपी नेता की तहरीर के आधार पर रामपुर में पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस नेता अज़ीज़ क़ुरैशी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 124ए और 505 (1)(बी) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। पूर्व राज्यपाल का योगी सरकार के खिलाफ दिया गया बयान सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।

सरकार ने आज़म खान पर ज्यादती की..

दरअसल, पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ क़ुरैशी शनिवार रात सांसद आजम खान के घर उनकी पत्नी तंजीम फातिमा से मिलने गए थे। पूर्व राज्यपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि कोरोना की वजह से वह डेढ़ साल से घर के बाहर नहीं निकल सके। मगर अब आज वह अपनी भाभी के पास यह कहने आए हैं की वह हिम्मत रखे। लोग उनके साथ हैं। फतेह उनकी ही होगी। उन्होंने बात चीत के दौरान कहा था की सरकार ने आजम खान पर ज्यादती की। जिस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया है, उसके लिए कुछ कहने की जरूरत नहीं है।

राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने का प्रयास: क़ुरैशी

राजद्रोह का मामला दर्ज होने पर यूपी के पूर्व गवर्नर अज़ीज़ क़ुरैशी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, मुझे राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने और जनता को गुमराह करने के लिए मेरे शब्दों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। मैंने कहा था कि पहले के दिनों में आज की तरह इतने अत्याचार नहीं हुए। मैंने किसी के खिलाफ कोई निजी टिप्पणी नहीं की थी।

योगी सरकार के खिलाफ गलत टिप्पणी बर्दाश्त नहीं: बीजेपी नेता

बता दें की एफआईआर दर्ज कराने वाले नेता ने कहा कि योगी सरकार के खिलाफ गलत टिप्पणी बर्दाश्त नहीं है। पुलिस ने कहा की बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने एफआईआर कराई और अपनी शिकायत में बताया कि कुरैशी पूर्व मंत्री आजम खान के घर उनकी पत्नी और रामपुर की विधायक तंजीम फातिमा से मिलने गए थे। मुलाकात करने के बाद काफी लोगों की भीड़ के सामने उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना “शैतान और खून चूसने वाले दानव” से कर अमर्यादित बयान दिया। साथ ही सरकार और आज़म खान की लड़ाई को इंसान और शैतान की लड़ाई करार दिया था। सक्सेना ने अपनी शिकायत में कहा है कि कुरैशी के विवादित बयान से दो समुदायों के बीच तनाव पैदा हो सकता है उनका बयान शत्रुता घृणा आदि की भावनाओं को बढ़ा सकता है और सांप्रदायिक दंगे भी भड़का सकता है।

कुछ लोग चाहते थे हमारी कौम न पढ़े और न बराबरी कर सके..

बता दें की 4 सितंबर को जब अज़ीज़ क़ुरैशी आज़म खान के घर गए थे तो उन्होंने वहां जौहर यूनिवर्सिटी का ज़िक्र करते हुए कहा था की जौहर यूनिवर्सिटी बनवा कर आज़म खान ने अपनी कौम की बेहतरी के लिए काम किया था। मुलायम सिंह यादव ने बिल पास कराया, लेकिन कुछ लोग चाहते थे कि यह कौम न पढ़े और न ही उनकी बराबरी कर सके। इसी वजह से बिल को 10 साल तक लटकाए रखा, लेकिन हमने साइन करके बिल पास कर दिया। एक तबके को स्वीकार्य नहीं था कि विश्वविद्यालय में 50 प्रतिशत सीटें मुसलमानों के लिए रखी गई थीं।

कुरैशी उत्तराखंड, मिजोरम के राज्यपाल रह चुके हैं। उनके पास 2012 से 2015 के बीच यूपी का अतिरिक्त प्रभार भी था। कुरैशी मध्य प्रदेश के सतना जिले से कांग्रेस सांसद भी रह चुके हैं। गौरतलब है कि रामपुर के नेता और पूर्व मंत्री आजम खान इस समय कई मामलों में जेल में बंद हैं। बीच में उन्हें भी कोरोना संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।


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