उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में एक खास समुदाय के प्रति हिंसक बयान देने वाले डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद और सागर सिंधु महाराज का नाम भी पुलिस एफआईआर में शामिल कर लिया गया है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने इस बात की पुष्टि की है।
एफआईआर में धारा 295ए भी शामिल..
डीजीपी के मुताबिक, वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर आगे की जांच के बाद धर्म संसद हेट स्पीच मामले में दो और नाम प्राथमिकी में जोड़ा गया है, जोकि सागर सिंधु महाराज और यति नरसिम्हनंद गिरी का है। इसके अलावा एफआईआर में धारा 295ए को शामिल किया गया है।
यह है पूरा मामला..
दरअसल, 2021 के आखिरी महीने यानी 17 से 19 दिसंबर तक उत्तराखंड की तीर्थ नगरी हरिद्वार में धर्म संसद आयोजित की गई थी। जहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने वाले हिंदू धर्मगुरुओं की एक बैठक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे इस मामले ने तूल पकड़ी और आक्रोश फैल गया। बता दें कि हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में धर्म संसद का यह आयोजन जूना अखाड़े के यति नरसिंहानंद गिरि द्वारा किया गया था, जो पहले भी कई बार नफरत भरे भाषण देते और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काते नज़र आए हैं।
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद उत्तराखंड पुलिस लोगों के सवालों के घेरे में आई, जिसके बाद पुलिस ने सिर्फ वसीम रिजवी उर्फ जीतेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ ही प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस की इस कार्रवाई ने और सवाल खड़े किए क्योंकि वायरल वीडियो में यति नरसिंहानंद, साध्वी अन्नपूर्णा और सागर सिंधु महाराज भड़काऊ भाषण देते नजर आ रहे थे। जिसके बाद अब जा कर यति नरसिंहानंद का नाम प्राथमिकी में शामिल हुआ है।
क्या अब होगी नरसिंहानंद पर कारवाई?
अब ये सवाल का विषय है कि क्या लोकतांत्रिक देश में ऐसा भड़काऊ भाषण देने और प्राथमिकी में नाम दर्ज होने के बाद अब नरसिंहानंद पर कारवाई होगी? यह सवाल इस लिए जरूरी है क्योंकि उन्होंने इससे पहले भी कई बार एक खास समुदाय को टारगेट करते हुए अप्पतिजनक बातें कहीं हैं। बावजूद इसके आभी तक वह आज़ादी से घूम रहें हैं। उन पर दिल्ली के प्रेस क्लब में भड़काऊ भाषण देने का भी आरोप है, इस मामले में दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पर यति नरसिंहानंद बीमार होने का बहाना कर दिल्ली पुलिस की जांच में मदद नहीं कर रहे हैं और कार्यवाही से बचे हुए हैं।