नेशनल लॉ युनिवर्सिटी, दिल्ली की अतिथि प्रोफेसर और पीपुल्लस यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ की राष्ट्रीय सचिव अधिवक्ता सुधा भारद्वाज ने रिपब्लिक टीवी चैनल पर 4 जुलाई 2018 को अर्नब गोस्वामी द्वारा प्रसारित उस सुपर एक्सक्लूसिव ब्रेकिंग न्यूज़ पर कठोर आपत्ति जताई है जिसमें उनके खिलाफ़ कुछ आरोप लगाए गए हैं।
रिपब्लिक टीवी पर ऐंकर गोस्वामी ने ‘शहरी माओवादी’ पर एक बुलेटिन चलाते हुए उसमें अधिवक्ता सुधा भारद्वाज के नाम से एक पत्र का उल्लेख किया था। भारद्वाज ने एक सार्वजनिक बयान जारी करते हुए कहा है कि ”मेरे खिलाफ आरोपों की एक लंबी सूची पेश की जा रही है जो हास्यास्पद, अपमानजनक, झूठी और एकदम निराधार है।”
कार्यक्रम में गोस्वामी ने दावा किया था कि ”कामरेड अधिवक्ता सुधा भारद्वाज” द्वारा किसी ”कामरेड प्रकाश” को एक पत्र लिखा गया था जिसमें ”कश्मीर जैसी परिस्थिति” निर्मित करने की बात की गई थी। गोस्वामी ने इस कथित पत्र का हवाला देते हुए माओवादियों और अलगाववादियों के बीच एक संपर्क स्थापित करने की कोशिश की।
भारद्वाज ने बयान में कहा है, ”ऐसे किसी भी पत्र से किसी भी तरह का संबंध होने से मैं दृढ़ता और निस्संदेह इनकार करती हूं… अगर ऐसा कोई दस्तावेज़ अस्तित्व में है तो भी मैंने उसे नहीं लिखा है।”
अपने बयान में एडवोकेट सुधा भारद्वाज ने मानवाधिकारों से जुड़े अपने कार्यों को गिनवाते हुए अंत में कहा है कि ”मैंने अपने अधिवक्ता से अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी को मेरे खिलाफ़ झूठे, दुर्भावनापूर्ण और बदनाम करने वाले आरोपों के लिए कानूनी नोटिस भेजने का अनुरोध किया है।”
पूरा बयान नीचे अंग्रेज़ी और हिंदी में नीचे पढ़ा जा सकता है।
PUBLIC STATEMENT - Sudha BhardwajPRESS RELEASE