सीमा सुरक्षा बल के बरखास्त जवान तेज बहादुर यादव की याचिका आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण यादव की पैरवी कर रहे थे।
तेज बहादुर ने वाराणसी लोकसभा से अपने नामांकन को निरस्त किए जाने के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में गुहार लगायी थी। उनका आरोप था कि उनका परचा अवैध तरीके से निरस्त किया गया है।
Supreme Court dismisses plea of former BSF constable & SP candidate Tej Bahadur Yadav (in file pic)against rejection of his nomination from Varanasi LS constituency. A Bench headed by CJI Gogoi dismissing the plea said, “We don’t find any merit to entertain this petition” pic.twitter.com/SjusLxv5ZC
— ANI (@ANI) May 9, 2019
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत को इस याचिका को स्वीकार करने की कोई योग्य वजह नहीं जान पड़ती।
The SC rejected TejBahadur's petition challenging rejection of his nomination paper against Modi for not producing certificate from the EC that he had not been dismissed for corruption or disloyalty. Modi's election(if he wins)can now be challenged on this https://t.co/kepyWj8wj6
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) May 9, 2019
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि वह एक दिन के भीतर तेज बहादुर की शिकायत की पड़ताल करे और जवाब दाखिल करे।
SC asks Election Commission to examine by tomorrow the plea of former BSF constable Tej Bahadur Yadav against rejection of his nomination from Varanasi Lok Sabha constituency. Samajwadi Party had fielded Tej Bahadur as its candidate against PM Modi from the constituency. pic.twitter.com/SStgD1Wi4h
— ANI (@ANI) May 8, 2019
तेज बहादुर को समाजवादी पार्टी ने अपने चुनाव चिह्न पर नामांकन करवाया था और पहले से घोषित अपनी आधिकारिक प्रत्याशी शालिनी यादव को बैठा दिया था। बहादुर का परचा खारिज होने के बाद शालिनी यादव फिर से सपा के चुनाव चिह्न पर गठबंधन की बनारस से उम्मीदवार हैं।
परचा निरस्त होने के बावजूद तेज बहादुर बनारस के चुनाव में सक्रिय हैं और शालिनी यादव का प्रचार कर रहे हैं।