पिछले करीब सात वर्ष से देश में ‘पोस्ट ट्रुथ मीडिया’ का दौर चल रहा है। इस दौर में मीडिया जितना विवादास्पद बना है,उतना पहले कभी नहीं रहा। पोस्ट ट्रुथ मीडिया ने मीडिया की…
जब से प्रिंटिंग, तब से फ़ेक न्यूज़ माना जाता है कि फ़ेक न्यूज़ का इतिहास, कम से कम प्रिंटिंग प्रेस के इतिहास जितना पुराना तो है ही। जब साल 1439 में, गूटेन्बर्ग ने…
आज़ादी के पहले जनमे भारतीय चित्रकारों के पास सबसे बड़ी समस्या उनकी अपनी परंपरा को लेकर ही थी। यह परंपरा जहाँ एक ओर आकृतिमूलक या फिगरेटिव चित्रकला से जोड़ती थी वहीं इसमें सिरे…
वरिष्ठ पत्रकार रामशरण जोशी ने इस कोरोना काल में तीसरे प्रेस आयोग के गठन की माँग उठायी है। वे पहले भी ऐसी मांग उठा चुके हैं, लेकिन मीडिया की मौजूदा हालत को देखते…
बीते बयासी दिनों मे तालाबंदी के दौरान भारत मे आर्थिक प्रक्रियाओं को भयानक नुकसान हुआ है। उससे उबरने के लिए किसी सकारात्मक पहल की बजाय केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा…
द्वितीय विश्व युद्ध में नाज़ीवाद के विरुद्ध निर्णायक जीत की 75वीं वर्षगाँठ पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उस महायुद्ध, उसके बाद की दुनिया और वर्तमान वैश्विक स्थिति पर एक विस्तृत लेख…
“संवैधानिक और कानूनी उपायों के बावजूद लोकतंत्र को कुचलने वाली शक्तियां आज पहले से अधिक मज़बूत हैं. मैं यह नहीं कहता कि राजनैतिक तृत्व परिपक्व नहीं है.. लेकिन कुछ कमियों…
इस लेख की शुरुआत हम, दो क़िस्सों से करना चाहते हैं। ये क़िस्से, दरअसल सच्चे घटनाक्रम ही हैं लेकिन इनकी वैधता पर सामाजिक, वैचारिक और राजनैतिक विश्लेषण भी ज़रूरी है। पहला किस्सा मई,…
मोदी सरकार के लिए कोरोना काल में इसी बरस अक्तूबर-नवम्बर में संभावित बिहार विधान सभा चुनाव के मायने बहुत गहरे हैं। 2014 के लोक सभा चुनाव से ही मोदी जी की भारतीय जनता…
इस कठिन कठोर कोरोना काल में संजय जोशी दुनिया की बेहतरीन दस्तावेज़ी फ़िल्मों से आपका परिचय करवा रहे हैं. इस बार से उनका स्तम्भ सिनेमा-सिनेमा पाक्षिक हो रहा है। दिन वही रहेगा यानी…
प्रकाश के रे जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक संरचना में बदलाव और जैशे-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित करने के मसलों पर भारत और चीन के बीच गंभीर मतभेदों के…
पंद्रह जून की रात लद्दाख के निकट गलवान घाटी मे भारतीय और चीनी सेना के बीच गंभीर मुठभेड़ हुई है। भारत मे एक कर्नल रैंक के सेना अधिकारी और 20 सैनिकों के शहीद…
आत्महत्या के विरुद्ध : वैचारिकी उपेंद्र प्रसाद सिंह ” मैं सोच रहा हूं ,कहता रहा हूँ कि आत्महत्या कायरता है लेकिन सुशांत सिंह की आत्महत्या ने झकझोर दिया है। नहीं, ये कायरता नहीं…
अमुक… जो कभी मेरे बहुत अच्छे मित्र हुआ करते थे।साथ खाना,उठना-बैठना।अच्छे पढ़े लिखे। जिंदादिल। लेकिन थोड़े से बेपरवाह। इसी बेपरवाही में उनकी यारी दोस्ती बहुत अच्छी थी। इतने मिलनसार और लोगों के काम…
युवा दिल की धड़कन और ज़िदगी से लबरेज़ दिखने वाले एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की ख़ुदकुशी पर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टीवी के डिप्टी एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर…
अक्टूबर 2020 मे बिहार और 2021 मे बंगाल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने वर्चुअल रैलियाँ शुरू की हैं। बिहार की एक जनसंवाद रैली मे बीजेपी अध्ययक्ष अमित शाह ने एक ही…
हम अमरीका में चल रहे आंदोलन का समर्थन किस तरह करें और भारत में विरोध कर रहे लोगों के साथ कैसे एकजुटता ज़ाहिर करें? मेरे ख्याल से आपका आशय श्वेत अमरीकी पुलिस द्वारा…
सत्यम वर्मा दुनिया भर में थू-थू के बावजूद मोदी सरकार द्वारा बड़े प्यार से पिछले गणतंत्र दिवस के मौक़े पर मुख्य अतिथि बनाकर बुलाये गये ब्राज़ील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो ने अपने दोस्त…
वरिष्ठ पत्रकार चंद्र प्रकाश झा का साप्ताहिक स्तम्भ चुनाव चर्चा आज से फिर शुरू हो रहा है। लगभग साल भर पहले, लोकसभा चुनाव के बाद यह स्तम्भ स्थगित हो गया था। मीडिला हलकों…
एक ज़रुरी अभियान की फ़िल्म इस कठिन कठोर क्वारंटीन समय में संजय जोशी दुनिया की बेहतरीन फ़िल्मों से आपका परिचय करवा रहे हैं. यह मीडिया विजिल के लिए लिखे जा रहे उनके साप्ताहिक…
अमेरिका मे बीती 25 मई को एक 46 साल के अश्वेत नागरिक ‘जॉर्ज फ्लॉयड’ की पुलिस ने हिरासत में लेने के दौरान मौत हो गयी। एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने जॉर्ज की गर्दन…
बुधवार, 3 जून को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में आवश्यक वस्तु अधिनियम,1955 में तब्दीली को मंज़ूरी दे दी गयी। 65 साल बाद हुए इस बदलाव पर सरकार अपनी…
उर्दू के मशहूर आलोचक शम्शुर्रहमान फारुक़ी का उपन्यास कई चाँद थे सरे आसमाँ 2014 में छपा था। मूल रूप से उर्दू में लिखा गया यह उपन्यास देखते ही देखते अनुवाद के ज़रिये तमाम…
आनंद मालवीय प्रधानमंत्री जी ने अपने हालिया उद्बोधन में आत्मनिर्भरता स्वदेशी और स्थानीयता पर बल दिया। इस सरकार में इन्हीं विषय को लेकर कई अंतर्विरोध है इस पर फिलहाल मैं कुछ नहीं कहूँगा…
रामशरण जोशी अमेरिका के ट्रम्प शासन काल में रंग-भेद नस्ल-भेद का मुद्दा फिर से शिद्दत के साथ देश भर में फ़ैल गया है। हिंसक घटनाओं ने समाज और पुलिस प्रशासन को अपनी…