गुवाहाटी से प्रकाशित अखबार 'द सेंटिनल' के पूर्व सम्पादक दिनकर कुमार के एक लेख के अनुसार प्रधानमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) के नेता नरेंद्र मोदी ने असम में भाजपा की ढेकियाजुली…
आज महाराष्ट्र के गृहमंत्री के खिलाफ आरोप और उससे संबंधित खबर पांच में से चार अखबारों में पहले पन्ने पर है। पहले सबके डिसप्ले और शीर्षक बता दूं फिर उसपर बात करूंगा। हिन्दुस्तान…
पहले पन्ने पर हरिद्वार के महाकुम्भ का विज्ञापन है और हिन्दुस्तान टाइम्स में मुख्यमंत्री का दावा, कि कुम्भ में आस्था कोविड-19 के डर को हरा देगी, फिलहाल, अपराध और जांच की राजनीति समझे…
आज इंटरनेट पर टाइम्स ऑफ इंडिया खोलते हुए पहले पन्ने पर एक खबर दिखी, “सेना ने पूर्व पुलिस प्रमुख सिंह का बचाव किया, कहा, ट्रांसफर का मतलब दोषी होना नहीं है”। पिछले कुछ…
उनके शिष्य रहे कोलकाता विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी का कहना है: गुरूवर केदारनाथ सिंह से मैने बहुत कुछ सीखा मुझे अपने छात्रों के प्रति समानतावादी रूख और कक्षा को गंभीर अकादमिक…
इंडियन एक्सप्रेस ने अगर पाकिस्तान की पेशकश से जुड़ी खबर को लीड बनाया है तो द टेलीग्राफ के अनुसार प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पुलवामा को याद किया। द टेलीग्राफ की खबर का…
अर्थव्यवस्था की खराब हालत में पीएम केयर्स और ढाई लाख करोड़ की संपत्ति बेचने की योजना और उसकी खबरों के बीच गरीबों के लिए कुछ नहीं, ममता बनर्जी की खबर भी नहीं। दिल्ली…
आज की तारीख में लगता है बंगाल में भाजपा की दाल नहीं गल रही है, दिल्ली बोर्डर पर किसान आंदोलन के जारी रहने से भाजपा की हालत और खराब हो सकती है. ममता…
असल में यह भाजपा की मनमानी है जिसे इंडियन एक्सप्रेस ने टकराव कहा है। टकराव तो बराबरी में हो, यहां कैसा टकराव? अखबार का मुख्य शीर्षक भी बहुत ही सीधी सरल सूचना है,…
जापान ही नहीं पूरे संसार में सेलेब्रिटी बन चुकी जुन्को को जब-जब इस उपलब्धि का भान कराया जाता वह बड़ी विनम्रता से कहती कि वह चाहती है उसे ऐसा करने वाले छत्तीसवें व्यक्ति…
दिल्ली के अखबारों में आज फिर पश्चिम बंगाल चुनाव ऐसे छाया है कि उसी की चर्चा करता हूं। सबसे पहले इंडियन एक्सप्रेस। अखबार ने कल शीर्षक लगाया था, “मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) के खिलाफ…
दोनों की मान्यताओं के बीच टकराव सृष्टि के प्रारंभ बिंदु को लेकर निकाले गए निष्कर्षों को लेकर था। आइंस्टाइन की समझ में इस मुकाम पर किसी स्रष्टा की गुंजाइश बनी रह जाती थी,…
आज अपने पांच अखबारों के पहले पन्ने पर प्रकाशित तस्वीरों की बात करते हैं। पहले चार तस्वीरें। आज पहले पन्ने की तस्वीरें भी उल्लेखनीय है। खासकर, शताब्दी एक्सप्रेस में आग लगने की खबर…
'मैं समझता हूँ कि यह बहुत संभव है कि कुछ सौ प्रकाशवर्षों के दायरे में हम इकलौती सभ्यता हों; ऐसा न होता तो हमने रेडियो तरंगें सुनी होतीं. इसका विकल्प यह है कि…
अब मुझे इस बात में कोई शक नहीं रह गया है कि पश्चिम बंगाल का चुनाव दिल्ली के अखबारों में लड़ा या लड़ाया जा रहा है। अफसोस इस बात का है कि इसके…
आज द टेलीग्राफ के पहले पन्ने की खबरों को छोड़कर बाकी अखबारों के पहले पन्ने पर मुझे निम्नलिखित खबरें महत्वपूर्ण लगीं। इनमें कुछ खबरों के दो शीर्षक हैं और उन्हें जानबूझकर लिखा क्योंकि…
पार्वती प्रेम के इतिहास की आदि विद्रोही हैं। पर्वतराज हिमवान की बेटी पार्वती एक ऐसे व्यक्ति से विवाह करने के लिए तप करती है जो सामाजिक कसौटी के लिहाज से कहीं से भी…
आज ममता बनर्जी पर हमले की खबर। आज की खबर की चर्चा से पहले याद दिला दूं कि पिछले 10 दिसंबर को कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ…
महाशिवरात्रि का दिन मशहूर किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती का जन्म-दिन भी है। लोग उन्हें भूलने लगे हैं, लेकिन एक समय था जब इस स्वामी ने देश की राजनीति को अपने तेवर से…
अमित शाह ने गए अक्तूबर में एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा था कि पश्चिम बंगाल के प्रत्येक जिले में बम बनाने की फैक्ट्री है। बेशक, केंद्रीय गृहमंत्री का यह आरोप काफी…
टाइम्स नाउ-सी-वोटर के हालिया पोल सर्वे के अनुसार केरल में सीपीएम के सत्तारूढ़ एलडीएफ के विधान सभा चुनाव में कुल 140 सीटों में से 82 सीटों पर जीतने की संभावना है. कांग्रेस का…
आज हिन्दुस्तान टाइम्स में पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर दो परस्पर विरोधी खबरें हैं। लीड सरकारी प्रचार है, मार्च में जीएसटी वसूली 1.30 लाख करोड़ का निशान छू लेगी। शीर्षक में…
आज द टेलीग्राफ को छोड़कर (उसके बारे में आगे) सभी अखबारों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोलकाता रैली की खबर लीड है। कोलकाता की रैली दिल्ली में लीड बनना बहुत सामान्य तो नहीं…
इंडियन एक्सप्रेस में आज पहले पन्ने पर सिंगल कॉलम की खबर है, “सूरत की बैठक का सिमी से संपर्क होने के आरोप के 19 साल बाद 127 बरी।” गुजरात मॉडल अब देश भर…
अपने काव्य में अपने समकालीन हिन्दी कवियों से अलग अज्ञेय मे बड़बोलेपन का नितांत अभाव है। कविता हो या कि गद्य विधा, उनके साहित्य का संधान बस जीवन रहा। अध्यात्म या राष्ट्र या…