बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जी.सी. त्रिपाठी का ज्ञान भारतीय संस्कृति को लेकर अद्भुत है। वे रावण को बहुत हिकारत से देखते हैं आर पूछते हैं कि एक आदमी बता दीजिए जिसका नाम रावण हो। जब उन्हें झारखण्ड के नेता रावण सोरेन का नाम बताया जाता है तो पहले वे इनकार करते हैं, फिर कहते हैं कि रावण भारतीय संस्कृति का प्रतीक नहीं है। वे यह भी मानने को तैयार नहीं होते कि भारत के कुछ क्षेत्रों में रावण की पूजा की जाती है।
प्रो. त्रिपाठी इस बात से भी इत्तेफ़ाक नहीं रखते कि रामायण के कई संस्करण इस देश में मौजूद है। वे पत्रकार से कहते हैं, ”सब गड़बड़ ही पढ़े हो”
यह ऑडियो कुछ पत्रकारों द्वारा प्रो. त्रिपाठी के मार्च 2017 में लिए साक्षात्कार का हिस्सा है। पूरा साक्षात्कार काफी लंबा है, लेकिन संस्कृति पर हुई यह चर्चा सुने जाने लायक है।