राजधानी में होगा अंधेरा? देश में होगा हाहाकार? बिजली संकट के पीछे कौन?

मयंक सक्सेना मयंक सक्सेना
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भीषण गर्मी से जूझते लोगों के कान में जब ये ख़बर आई कि कोयले की कमी के चलते, बिजली संकट गहरा सकता है और तो और देश की राजधानी में भी कोयले की आपूर्ति न होने के कारण – कई घंटों के लिए बिजली आपूर्ति ठप हो सकती है, तो लोगों का पसीना और बढ़ गया है। इस समय ताज़ा जानकारी के मुताबिक, देश के कम से कम 12 राज्यों में बिजली संकट न केवल जारी है, बल्कि और भी ज़्यादा बढ़ने वाला है। यहां तक कि देश की राजधानी में बाक़ायदा सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर सर पर छाते अंधेरे का एलान कर दिया गया है।

दिल्ली सरकार ने साफ कह दिया..

दिल्ली सरकार ने साफ चेतावनी दे दी है कि राजधानी में बिजली आपूर्ति करने वाले अहम पावर प्लांट्स में कोयले की कमी होती जा रही है। ऐसे में अगर स्थिति ये ही रही तो, मेट्रो, हॉस्पिटल्स समेत सभी जगह बिजली आपूर्ति ठप या बाधित हो सकती है। यानी कि अगर कहीं बिजली मिलेगी भी तो प्राथमिकता के आधार पर, इधर से बिजली काट कर-उधर दी जाएगी।

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस बिगड़ती स्थिति से निपटने के लिए इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। सत्येंद्र जैन ने केंद्र सरकार को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें पर्याप्त कोयला सप्लाई की मांग की है। इस चिट्ठी में कुछ अहम पावर प्लांट्स के लिए कोयला उपलब्ध कराने की मांग की गई है, जिससे कि उनसे दिल्ली में बिजली आपूर्ति होती रहे। राजधानी दिल्ली में रहने वाले, दरअसल इस स्थिति के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि लगभग सभी इलाकों में लोगों को पावर कट की आदत नहीं है।

दिल्ली के किन प्लांट्स में कोयले की कमी

दिल्ली को अलग-अलग पावर प्लांट्स से रोज़ाना करीब 1,751 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति होती है। ये प्लांट्स हैं, ऊंचाहार, दादरी, कहलगांव, झज्जर और फरक्का। बताया जा रहा है कि इन सभी प्लांट्स पर कोयले की कमी एक जैसी ही है। इनमें से दिल्ली के सबसे नज़दीकी प्लांट्स हैं, दादरी और झज्जर। दिल्ली को सबसे ज़्यादा बिजली देता है, दादरी -II पावर प्लांट (728 MW) इसके अलावा ऊंचाहार से 100 MW बिजली, दिल्ली को सप्लाई की जाती है।

NTPC का दादरी थर्मल पावर प्लांट

फिलहाल नेशनल पावर पोर्टल की रोज़ाना की कोल रिपोर्ट को सही मानें, तो इन सभी पावर प्लांट्स पर कोयले की कमी है।  दिल्ली सरकार ने अपने बयान में साफ कह दिया है कि  दादरी- II और ऊंचाहार पावर स्टेशन से बिजली आपूर्ति के बाधित होने के कारण मेट्रो समेत कई सरकारी अस्पतालों और अन्य अहम संस्थानों को शायद 24 घंटे बिजली न मिल सके। दादरी स्टेशन की स्थापनी ही, दिल्ली को बिजली की सप्लाई सुचारू रूप से करने के लिए हुई थी।

किसके क्या बयान

केंद्र सरकार

बिजली संकट को लेकर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि दरअसल युद्ध के चलते, रूस से गैस की आपूर्ति ठप हो गई है, लेकिन हमारे थर्मल पावर प्लांट्स के पास 21 मिलियन टन कोयले का स्टॉक है। ये स्टॉक दस दिन के लिए पर्याप्त है और इसके अलावा कोल इंडिया का स्टॉक जोड़ लें तो कुल 30 लाख टन स्टॉक है, जो कि 70 से 80 दिन का स्टॉक बनता है। इसलिए वर्तमान स्थिति को स्थिर माना जाना चाहिए।

हालांकि मोदी सरकार के किसी भी और मंत्री की तरह उन्होंने असल समस्या यानी कि कोयले के स्टॉक की जगह, किसी और मुद्दे की ओर बात मोड़ दी और आगे कहा, “हाल की 2.5 बिलियन यूनिट की रोज़ाना की खपत के मुकाबले 3.5 बिलियन यूनिट बिजली का उत्पादित हो रही है। लेकिन पिछले दिनों में गर्मी के साथ-साथ बिजली की मांग बढ़ गई है। इसलिए कोयले का स्टॉक कम हुआ है। लेकिन इसके बावजूद भी पावर प्लांट बंद होने की संभावना नहीं है।” अब केंद्रीय कोयला मंत्री, इस पूरे बयान के ज़रिए क्या कहना चाहते हैं, वही जानें लेकिन दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि दिल्ली की स्थिति केंद्रीय मंत्री के कहने भर से ठीक नहीं हो जाती।

दिल्ली सरकार – ऊर्जा मंत्री

दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन के अनुसार, फिलहाल दिल्ली में बिजली की 25-30% मांग ऊपर बताए गए, बिजली स्टेशनों के माध्यम से पूरी की जाती है। इन पावर स्टेशनों को कोयले की कमी पर दिल्ली सरकार, नजर बनाए हुए है। वो हर वह कदम उठाएगी, जिससे राजधानी में बिजली संकट न आए। ऊपर बताए गए पावर स्टेशन दिल्ली के तमाम हिस्सों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए अहम हैं। मेट्रो के संचालन के अलावा, अस्पतालों को 24 घंटे बिजली देने और आम लोगों को लगातार बिजली आपूर्ति करने के लिए भी ज़रूरी हैं।

दिल्ली सरकार – सीएम केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ठेठ औपचारिक सरकारी बयान देते हुए कहा, “अभी तक दिल्ली में हम लोग किसी तरह से स्थिति मैनेज कर रहे हैं। पूरे देश की ही स्थिति अति गंभीर है। ऐसे में सभी को मिलकर, जल्दी ही इसका समाधान ढूंढना होगा। इससे निपटने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाने होंगे।”

विपक्ष – राहुल गांधी का आक्रामक तेवर

राहुल गांधी ने कहा, भारत बिजली संकट का सामना कर रहा है। कई राज्यों में लोग 8 घंटे तक की बिजली कटौती झेलने को मजबूर हैं। मैंने सरकार को चेताया था कि कोयले के स्टॉक की कमी से देश को दिक्कत होगी।क्योंकि बिजली की मांग चरम सीमा पर पहुंच गई है। इस मुद्दे पर चर्चा करने के बजाय सरकार ने इसका खंडन जारी कर दिया। लेकिन सच खुद व खुद बोलता है।” 

राहुल गांधी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा,

“20 अप्रैल 2022 को मैंने मोदी सरकार से कहा था कि नफ़रत का बुलडोज़र चलाना बंद करो और देश के पावर प्लांट शुरू करो, आज कोयला और बिजली संकट से पूरे देश में त्राहि-त्राहि मची है।

फ़िर कह रहा हूं –
  • ये संकट छोटे उद्योगों को ख़त्म कर देगा, जिससे बेरोज़गारी और बढ़ेगी।
  • छोटे बच्चे इस भीषण गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर सकते।
  • अस्पतालों में भर्ती मरीजों की ज़िंदगी दांव पर है।
  • रेल, मेट्रो सेवा ठप होने से आर्थिक नुकसान होगा।
मोदी जी, आपको देश और जनता की फिक्र नहीं है क्या?
27 अप्रैल की अपनी फेसबुक पोस्ट में राहुल गांधी ने पहले भी अपनी चेतावनी की बात को दोहराया था और साथ में कुछ तकनीकी मुद्दे भी उठाए थे।