पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कल हुई चूक का मामला गरमाता ही जा रहा है। इस मामले में जांच के लिए पंजाब सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। जानकारी के अनुसार, समिति में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मेहताब सिंह गिल और प्रमुख सचिव (गृह मामलों और न्याय) अनुराग वर्मा शामिल होंगे। यह समिति तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। वहीं, दूसरी ओर सुरक्षा में चूक का यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखते हुए घटना पर रिपोर्ट लेने और पंजाब सरकार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट मामले को उठाने वाली इस तत्काल याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया है।
शुक्रवार को होगी मामले पर सुनवाई..
भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को उठाने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह को ‘लॉयर्स वायस’ द्वारा दायर याचिका की एक कॉपी पंजाब सरकार के वकील को देने के लिए कहा और अब शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई होगी। सिंह ने भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति से बचने के लिए पूरे प्रकरण की कुशल और पेशेवर जांच की मांग की। उन्होंने शीर्ष अदालत से जिला न्यायाधीश (बठिंडा) को सुरक्षा उल्लंघन से संबंधित पूरे रिकॉर्ड को अपने कब्ज़े में लेने का निर्देश देने की भी मांग की है।
इस मामले पर पीएम राष्ट्रपति से मिलें..
वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे में सुरक्षा में भारी चूक मामले पर चिंता ज़ाहिर की। इस मामले को लेकर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। आपको बता दें कि पंजाब सरकार ने फिरोजपुर में फंसे प्रधानमंत्री के काफिले और बाद में वापस लौटने के मामले को सुरक्षा में चूक नहीं माना है। लेकिन इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। कल पीएम के फिरोजपुर से लौटने के बाद सीएम चन्नी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है। खराब मौसम और विरोध के चलते हमने पीएमओ से दौरे को रोकने के लिए कहा था। उनके (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) अचानक मार्ग परिवर्तन के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं थी। चन्नी कहा था कि प्रधानमंत्री की सड़क यात्रा की योजना अंतिम समय में बनाई गई थी, उन्हें पहले हेलीकॉप्टर से यात्रा करनी थी।