फिरोज़ाबाद में डेंगू और वायरल बुुखार कहर मचाने के बाद अब कानपुर में ज़ीका का हमला तेज़ होता जा रहा है। बुधवार को चकेरी इलाके में जीका वायरस के 25 मामले सामने आए हैं। मामले सामने आने के बाद इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
अब 36 हुई ज़ीका संक्रमितों की संख्या..
मीडिया रिपोर्ट्स ने मुताबिक, शहर में अब कुल ज़ीका संक्रमितों की संख्या 36 हो गई है। इस बात की पुष्टि सीएमओ डॉ नैपाल सिंह ने की है। बता दें कि इससे पहले चकेरी के पोखरपुर, आदर्शनगर, श्यामनगर, कालीबाड़ी, ओमपुरवा, लालकुर्ती, काजीखेड़ा और पूनम टॉकीज इलाकों में ज़ीका के मरीज़ मिले थे। 23 अक्टूबर को पहला और आज एक साथ ज़ीका के 25 रोगी मिले हैं। शहर में ज़ीका मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ने के कारण हड़कंप मच गया है। इससे दिल्ली और लखनऊ में भी बेचैनी बढ़ गई है।
क्या है ज़ीका वायरस..
ज़ीका वायरस फ्लाविविरिडए विषाणु परिवार से है। जो दिन के समय सक्रिय रहते हैं। ज़ीका वायरस उन्हीं मच्छर की प्रजाति से फैलता है जिनसे डेंगू फैलता है, यानी एडीस मच्छर। ज़ीका वायरस सलाइवा और सीमेन जैसे शरीर के तरल पदार्थ के आदान-प्रदान से संक्रामक हो सकता है।
कब आया था सामने…
पहली बार वर्ष 1952 में ज़ीका अफ्रीका के जंगल में एक लंगूर में मिला। वर्ष 1954 में इस बीमारी का पता चला और इसे विषाणु करार दिया गया। यह अफ्रीका से एशिया तक फैला हुआ है।
ज़ीका के लक्षण..
ज़ीका वायरस का लक्षण डेंगू बुखार की ही तरह होते हैं। अधिकांश मामलों लगभग 60 – 80 % में कोई लक्षण नहीं दिखते। अगर कुछ लक्षण दिखते भी हैं तो वे लक्षण अमूमन हल्का बुखार, लाल आँखें, जोड़ों में दर्द, सिर दर्द, लाल चकत्ते, गुलेन बारी सिंड्रोम, न्यूरोपैथी होते हैं। आम तौर पर लक्षण हल्के और 7 दिनों से भी कम रहते हैं।
ज़ीका से क्या है खतरा..
ज़ीका वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए अधिक खतरनाक है। इससे गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का विकास नहीं होता। हालांकि इसकी मृत्यु दर कम बताई जाती है। इस वायरस के केस वर्ष 2007 में एशिया और वर्ष 2021 में केरल और महाराष्ट्र में मिले।