संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 अक्टूबर को लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत को रद्द कर दिया है। किसान मोर्चा ने यह फैसला खेती के सीज़न और खराब मौसम को देखते हुए लिया गया है। किसानों ने इस महापंचायत का ऐलान लखीमपुर-खीरी की हिंसा के आरोपी आशीष के मंत्री पिता की बर्खास्तगी की मांग करते हुए किया था। बता दें की मंत्री के विरोध में किसानों ने 18 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन भी किया था। हालांकि महापंचायत अभी के लिए ही रद्द की गई है। अब अगली महापंचायत की तारीख स्थगित कर 22 नवंबर कर दी गई है। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 अक्टूबर को सिंघु सीमा पर दलित मज़दूर लखबीर सिंह की निर्मम हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराने की मांग की है।
निहंग सिख लीडर के साथ वायरल तस्वीरों के आधार पर इन दोनों के इस्तीफे की मांग….
संयुक्त किसान मोर्चा ने हत्याकांड में शामिल गुट के निहंग सिख लीडर से कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और राज्य मंत्री कैलाश चौधरी की बैठक की वायरल तस्वीरों के आधार पर इन दोनों के इस्तीफे की मांग की है। गौरतलब है कि दलित मज़दूर लखबीर सिंह का शव शुक्रवार को दिल्ली-हरियाणा सीमा पर एक बैरिकेड्स से बंधा हुआ मिला था, जहां प्रदर्शनकारी केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ जमे हुए हैं।
लखबीर सिंह का एक हाथ काटा गया था और उनके शरीर पर धारदार हथियारों से कई घाव थे। इस हत्याकांड के बाद पुलिस ने कुछ निहंगों को गिरफ्तार किया। जिसमें सरबजीत सिंह, नाराय सिंह,भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत सिंह शामिल हैं। बता दें कि नाराय सिंह ने आत्मसमर्पण करते हुए निहंगों द्वारा किया गया अपराध बना था। हालांकि कोर्ट में मामले कि सुनवाई के दौरान उसने कहा था की उसी अपने किए पर किसी तरह का पछतावा नही है। निहंगों ने कहा था कि गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करने पर उन्होंने लखबीर को यह सज़ा दी है।