उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के स्वयं सहायता समूहों को बायोमीट्रिक मशीन उपलब्ध कराने के लिए आए दौरे के विरोध में शुक्रवार को झज्जर के नेहरू कॉलेज में किसान काले झंडे लेकर पहुंचे। इस दौरान उन्हें रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात हुआ। आंदोलनकारी उनका विरोध करने के लिए एकजुट हुए। पुलिस और किसान आमने सामने डेट रहे। काले झंडे लेकर पहुंचे आंदोलनकारियों को रोका गया। किसानों पर पुलिस की ओर से वाटर कैनन चलाए गए और कुछ किसानों को पकड़कर बस में बिठाया गया, लेकिन कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया। वहीं अंबाला में भी आंदोलनकारियों पर वाटर कैनन के इस्तेमाल को लेकर किसान संगठनों में रोष है।
पुलिस ने गिरफ्तार करने की तैयारी की, जिस पर किसान भड़क गए…
दरअसल, अंबाला के बराड़ा में बीजेपी का त्रिदेव कार्यक्रम होना था। आंदोलनकारियों ने इस कार्यक्रम का विरोध करना शुरू कर दिया। पहले यह कार्यक्रम मुलाना में होना था। इसके बाद आंदोलनकारियों के विरोध को देखते हुए इसे बराड़ा शिफ्ट कर दिया गया। बरारा में करीब तीन घंटे तक आंदोलनकारी किसानों ने विरोध किया, जबकि पुलिस मौके पर मौजूद रही। किसानों को हटाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी की, जिस पर वे भड़क गए। विरोध करते हुए किसान सड़क पर ही लेट गए। बराड़ा में बीजेपी का त्रिदेव कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया शामिल होने वाले थे। विरोध को देखते हुए कटारिया मुलाना रेस्ट हाउस में ही रुके थे। वह भाजपा के कार्यक्रम में शामिल होने नहीं पहुंचे।
बराड़ा में भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम का विरोध..
वहीं, अंबाला में भी आंदोलनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। प्रदर्शनकारी अंबाला के बराड़ा में भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे। इस दौरान आंदोलनकारी ने जमकर नारेबाज़ी की। उधर, झज्जर में उपमुख्यमंत्री के आने से पहले उनको काले झंडे दिखाने के लिए 15 किसान कॉलेज के गेट के सामने पहुंच गए थे।