किसानों से बातचीत का प्रस्ताव झाँसा, समझौते पर दस्तख़त कराना चाहती है बीजेपी: राकेश टिकैत

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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने लखनऊ से लौटते समय मीडिया से बातचीत के दौरान बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा सरकार के किसानों से कृषि कानूनों पर बातचीत के प्रस्ताव को झांसा बताया है। टिकैत ने किसानों से भाजपा को यूपी में वोट न देने की भी अपील की है।

BJP सरकार किसानों का भरोसा खो चुकी: टिकैत

दरअसल, मंगलवार की शाम लखनऊ से लौट रहे टिकैत फतेहगंज पूर्व स्थित भाकियू जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह के निकसुआ फार्म पर रुके, और वहां उन्होंने किसानों से 27 सितंबर को भारत बंद को सफल बनाने की अपील की। साथ ही राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नौ महीने बाद कृषि कानूनों पर बातचीत का सरकार का प्रस्ताव और कुछ नहीं बल्कि एक छलावा है। अब बातचीत के बहाने सरकार पहले से तैयार समझौते पर दस्तखत कराना चाहती है, लेकिन किसान इतने मूर्ख नहीं हैं कि इस समझौते पर दस्तखत कर दें। किसानों से उन्होंने अपील की है कि किसान यूपी चुनाव में किसी भी पार्टी को वोट दे सकते हैं लेकिन बीजेपी को वोट कटाई नहीं दें। उन्होंने आगे कहा की यह सरकार किसानों का भरोसा खो चुकी है।

इस बातचीत का नतीजा क्या होगा?

प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि नौ महीने बाद किसानों को फिर से बातचीत करने का इशारा किया जा रहा है आगे उन्होंने सवालिया लहज़ेेेे में कहा कि सवाल यह है कि इस बातचीत का नतीजा क्या होगा? जब सरकार पहले ही कह चुकी है कि कानून वापस नहीं लिया जाएगा।

किसानों से दोहराई गई अपील- भाजपा के अलावा किसी को भी दें वोट..

भाकियू नेता ने कहा कि सूचना मिल रही है कि सरकार पहले ही समझौते को लिख चुकी है, जिस पर वह बातचीत के बहाने दस्तखत करना चाहती है। जाहिर है यह बातचीत महज एक छलावा होगा। उन्होंने कहा यकीन नहीं है कि सरकार मांगों को मानेगी। 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में दिए गए ‘वोट की चोट ‘ के नारे को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि उनका संगठन न तो चुनाव लड़ेगा और न ही चुनाव में किसी का समर्थन करेगा। उन्होंने आगे कहा कि वह पश्चिम बंगाल के चुनावों की तरह यूपी के किसानों से भी यही अपील करेंगे कि बीजेपी को वोट न दें और जिसे वोट देना चाहे दें।