आज़मगढ़ के पलिया में पुलिस द्वारा दलितों के घर तोड़ने को कांग्रेस ने बड़ा मुद्दा बना दिया है। कांग्रेस के यूपी प्रदेश संगठन मंत्री अनिल यादव दोषी पुलिस अधिकारियों के निलंबन की माँग करते हुए ज़िला मुख्यालय पर धरने उपवास पर बैठ गये हैं। अनिल यादव ने कहा कि इंसाफ़ की लड़ाई से एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे।
दरअसल, 29 जून को पुलिस ने चार दलितों के घरों में तोड़फोड़ की थी। पुलिस का कहना है कि उसने कुछ आरोपियों पर कार्रवाई की, लेकिन इसका जवाब उसके पास नहीं है कि घर तोड़ने की कार्रवाई किस क़ानून के तहत हो सकती है। कांग्रेस ने उपवास सत्याग्रह शुरू करते हुए माँग की है कि दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो और ग्रामीणों पर दर्ज फ़र्ज़ी मुकदमे हटाये जायें।
उधर, कांग्रेस के अन्य प्रकोष्ठ भी इस आंदोलन में सक्रिय हो गये हैं। यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने कहा दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की माँग करते हुए कहा है कि भूख हड़ताल पर बैठे कांग्रेस नेता अनिल यादव के समर्थन में अल्पसंख्यक कांग्रेस हर ज़िले से राज्यपाल को ज्ञापन भेजेगी। उन्होंने आज़मगढ़ के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनका अब तक पीड़ित परिवारों से मुलाकात न करना, उनकी दलित विरोधी मानसिकता को दिखाता है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आजमगढ़ के अल्पसंख्यक, पिछड़े और दलित समाज के लोगों को मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ नफ़रत की नज़र से देखते हैं, इसीलिए यहाँ की पुलिस कभी सीएए-एनआरसी का विरोध करने वाली मुस्लिम महिलाओं पर लाठी भांजती है तो कभी दलितों के घर जेसीबी से उजड़वा देती है। पिछड़ों के बेटों का सबसे ज़्यादा फ़र्जी एंकाउंटर भी आजमगढ़ में ही योगी सरकार ने करवाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन सचिव अनिल यादव जी द्वारा पलिया के दलित परिवारों के न्याय और दोषी पुलिस अधिकारियों के तत्काल निलंबन के लिए किये जा रहे भूख हड़ताल के समर्थन में अल्पसंख्यक कांग्रेस पूरे प्रदेश में आंदोलन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन भेजेगी।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इतनी जघन्य घटना के बावजूद आजमगढ़ के सांसद श्री अखिलेश यादव का अब तक पीड़ित दलितों से मिलने नहीं जाना आश्चर्यजनक नहीं है। वो इससे पहले भी बिलरियागंज में मुस्लिम महिलाओं के पुलिस दमन के बावजूद उन्हें देखने तक नहीं गए थे। वहाँ भी सिर्फ़ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ही गयीं। जो साबित करता है कि मुस्लिम और दलितों के बारे में अखिलेश और योगी की राय एक जैसी है।