मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहा आंदोलन आज 123वें दिन भी जारी रहा। आज दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने होली का त्यौहार मनाया। कल होलिका दहन कार्यक्रम में किसानों ने तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई थी। किसानों का कहना है कि किसान असल मायनों में होली तब ही मना पाएंगे जब तीनों कानून वापस होंगे और एमएसपी पर कानून बनेगा।
सिंघु बॉर्डर पर होला मोहल्ला त्यौहार भी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें किसानों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। हरियाणा की औरतों द्वारा विशेष तरीके से यह त्यौहार मनाया गया। महिलाओं ने कहा कि किसान इसी तरह हर त्यौहार मोर्चो पर मनाते रहेंगे जब तक मांगे मानी नहीं जाती।
टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने होली का पर्व धूमधाम से मनाया। मुख्य मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों ने मजबूती दिखाई। किसानों इसके बाद आसपास के क्षेत्र की सफाई भी की। गाज़ीपुर बॉर्डर पर भी किसानों ने पारम्परिक रिवाज से होली मनाई। बड़ी संख्या में दिल्ली व आसपास के लोग भी गाज़ीपुर धरने में होली उत्सव में शामिल हुए।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि हालांकि कई दौर की बैठकों में सरकार के सामने यह सिद्ध किया जा चुका है कि तीनों कृषि कानून किस तरह खतरनाक है व किसानों को इससे क्या नुकसान होगा। किसान संगठनों के सानिध्य में आज एडवोकेट जोगिंदर सिंह तूर ने “इन कानूनों में काला क्या” नामक किताब लांच की जिसमें हर एक बिंदु को विस्तृत रूप में समझाया गया है।
आज लोक कला मंच मंडी मुल्लांपुर किसानों के संघर्ष में शामिल हुआ और कला के माध्यम से अपना योगदान दिया। लोक कला मंच द्वारा “उठन दा वेला” नाटक का मंचन किया गया जिसके लेखक और निर्देशक हरकेश चौधरी है। कलाकारों ने किसानों से मजबूत बने रहने की अपील की।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से डॉ दर्शन पाल द्वारा जारी