रोज़गार के सवाल पर प्रयागराज में ‘छात्र-युवा पंचायत’, रिक्त पदों को तत्काल भरने की उठी मांग!

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किसान पंचायतों के बाद देश में अब छात्र-युवा पंचायतों की शुरुआत हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में बुधवार 24 मार्च को छात्र-युवा पंचायत बुलाई गई जिसमें बड़े पैमाने पर रोज़गार तलाश रहे आम छात्रों के साथ शहर के तमाम छात्र-युवा संगठन और नेताओं ने शिरकत की। सरकारी भर्तियों में देरी, नौकरियों में कटौती और रोज़गार के कई महत्वपूर्ण सवालों को ‘छात्र-युवा पंचायत’ में उठाया गया। महापंचायत’ में युवा हल्ला बोल, छात्र सभा, युवा मंच, युवजन सभा, आइसा, एनएसयूआई समेत तमाम संगठनों की भागीदारी रही।

‘छात्र-युवा महापंचायत’ में देश भर में रिक्त पड़े 24 लाख से ज्यादा पदों को अविलंब भरने, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने, रोजगार सृजन की नीति बनाने, परीक्षाओं को अधिकतम 9 महीने के अंदर पूरा करने, चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने जैसे मुद्दों पर किसानों की तरह देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का संकल्प लिया गया।

छात्र-युवा पंचायत को संबोधित करते हुए ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम ने सरकार को झूठा प्रचार बंद करके सच्चे रोज़गार पर ध्यान देने की अपील की। ‘छात्र युवा पंचायत’ द्वारा प्रस्ताव पारित कर सभी प्रमुख मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की गयी। अनुपम ने कहा कि भारत के युवाओं के साथ रोज़गार के नाम पर हो रहा छलावा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बड़े बड़े वादे कर सत्ता में आई सरकार आज रोज़गार और सरकारी नौकरियों के नाम पर झूठा प्रचार करने में जनता का पैसा बर्बाद कर रही है।

ज्ञात हो कि इलाहाबाद से लगातार बेरोज़गार युवाओं के आत्महत्या की खबर आ रही है। पिछले 5 महीने में 6 युवाओं ने इस व्यवस्था से उम्मीद हार कर फाँसी लगा ली।

छात्र-युवा पंचायत में युवा नेता अभिषेक यादव ने कहा,”सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए समझना चाहिए कि उनके ऐसी प्रवृत्ति से युवाओं पर जानलेवा असर पड़ रहा है। सरकार के पास अब नौजवानों को बचाने की कोई नीति नहीं है। इसीलिए इन्हें वोट की चोट से ही जवाब देना पड़ेगा”

युवा हल्ला बोल से जुड़े VDO सफल अभ्यर्थी हिमांशु जिनकी डेढ़ साल से भर्ती अटकी हुई है वो कहते हैं, “हमने सारे रास्ते अपनाकर देखे, सांसदों से मिले, मंत्रियों को चिट्ठी लिखे और लखनऊ में प्रदर्शन भी किया लेकिन ये सरकार अभी तक हमारी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाई। हमने अब छात्र युवा पंचायत से अपनी बात देशभर में पहुंचाने की ठानी है।”

युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह और संयोजक राजेश सचान ने पंचायत में रोज़गार के अधिकार और रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की माँग की। सभा को युवा नेता राघवेंद्र और अविनाश विद्यार्थी ने भी मंच से संचालित करते हुए बेरोज़गारी के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की।

छात्र-युवा महापंचायत में युवजन सभा के नेता संदीप यादव, आइसा नेता सुनील मौर्य व सोनू यादव, युवा मंच के अमरेंद्र सिंह व ईशान, इविवि के छात्र नेता गोलू पासवान, जीतेंद्र धनराज, सामाजिक कार्यकर्ता अतुल तिवारी, छात्र युवा नेता अखिलेश गुप्ता गुड्डू, अंगद यादव, सत्यम सिंह सनी, अवनीश, ऋषि प्रवक्ता, शोध छात्रा नेहा यादव समेत कई छात्र नेताओं, प्रतियोगी आंदोलन से जुड़े प्रतिनिधियों व छात्र संगठनों के पदाधिकारियों ने संबोधित किया। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र और बेरोज़गारी का दंश झेल रहे शिक्षित युवा इस पंचायत के मुख्य वाहक रहे।

छात्र-युवा पंचायत से जारी प्रतिज्ञा पत्र

हम भारत के छात्र युवा नौजवान प्रण लेते हैं कि अपने देश को बेरोज़गारी के अंधकार में डूबने नहीं देंगे। हम प्रतिज्ञा लेते हैं कि एक बेहतर भारत बनाकर देश को समृद्धि और विकास की नई राह पर ले जाएंगे।

प्रदेश और केंद्र की सरकारों से हमारी अपील है कि:

  • सभी रिक्त सरकारी पदों के लिए ‘मॉडल एग्जाम कोड’ लागू करके 9 महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए और आवश्यकता अनुसार सभी विभागों में स्वीकृत पदों की संख्या बढ़ाएं। साथ ही अटकी पड़ी सभी भर्तियों के संबंधित आयोग उनका कैलेंडर जारी करके समयबद्ध ढंग से प्रक्रिया पूरी करें।
  • भारत के युवाओं के लिए रोज़गार कोई खैरात नहीं बल्कि मौलिक अधिकार हो ताकि देश की अर्थव्यवस्था मजबूती से पटरी पर टिकी रहे। बेरोज़गारी नामक राष्ट्रीय आपदा से निपटा जा सके और भारत के डेमोग्राफिक डिविडेंड को डेमोग्राफिक डिजास्टर न बनने दिया जाए।
  • दशकों की मेहनत से खड़े किए गए राष्ट्रीय संपत्तियों और सार्वजनिक उपक्रमों जैसे कि बैंकों को बेचना बंद की जाए जो हमारे देश में नौकरियों का बड़ा स्रोत हैं
  • सरकार में संयुक्त सचिव और निदेशकों के पद पर की जा रही लेटरल एंट्री पर रोक लगाई जाए जिस कारण से हर साल सरकारी भर्तियों में लगातार कटौती की जा रही है

इलाहाबाद की यह ‘छात्र-युवा पंचायत’ निर्णय लेती है कि भारत के युवाओं के साथ रोज़गार के नाम पर हो रहा छलावा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। युवाओं को बड़े बड़े वादे कर सत्ता में आई सरकार रोज़गार के सवाल पर झूठा प्रचार करना बंद करें और हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें।

अगर सरकार अपना झूठा प्रचार बंद करके रोज़गार पर ध्यान देना शुरू नहीं करती तो देश के युवा अपनी बात मनवाने के लिए बड़ा आंदोलन करने को तैयार हैं।