नीतीश सरकार की वादाखिलाफी, हकमारी और सरकारी उपेक्षा से आक्रोशित राज्य की हजारों आशा कार्यकर्ताओं का आज से दो दिवसीय महाधरना बिहार विधानसभा के समक्ष गर्दनीबाग में शुरू हुआ। आशा कर्मियों ने ‘1,000 में दम नहीं, 21,000 रुपये मासिक मानदेय से कम नहीं’ नारे के साथ ‘पारितोषिक की जगह मासिक मानदेय देने, आशा को सरकारी कर्मी घोषित करने, सभी आशाओं का सेवा रिकॉर्ड स्थापित करने, सभी काम का अलग अलग मेहनताना देने व समय से भुगतान करने की मांग की। ‘आशा संयुक्त संघर्ष मंच’ के आह्वान पर हो रहे महाधरने में राज्य के सभी जिलों से हजारों आशा कार्यकर्ता हिस्सा ले रही हैं।
वहीं आज विधान सभा में भी आशा कार्यकर्ताओं को मासिक पारितोषिक की जगह मासिक मानदेय भुगतान का मामला गुंजा। माले विधायक सुदामा प्रसाद ने ध्यानाकर्षण के तहत सदन में यह मामला उठाया। वहीं माले विधायक दल नेता महबूब आलम, विधायक सुदामा प्रसाद, गोपाल रविदास, वीरेंद्र गुप्ता, माकपा विधायक दल नेता विधायक अजय कुमार ने आशकर्मियों को धरना स्थल पर सम्बोधित किया।
बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट) की अध्यक्ष शशि यादव, आश संघर्ष समिति के लुकमान तथा बिहार राज्य आशा संघ (एटक) की नेत्री किरण कुमारी की अध्यक्षता में गर्दनीबाग में आशा कर्मियों की हुई सभा को सम्बोधित करते हुए विश्वनाथ सिंह, शशि यादव एवं कौशलेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि सरकार आशा कर्मियों की मांगों को हूबहू लागू करने से भाग रही है, नेताओं ने आगामी 25-26 मार्च को राज्य में हड़ताल कर सभी पीएचसी का घेराव करने की घोषणा किया है।
सभा को महासंघ (गोप गुट) के अध्यक्ष रामबली प्रसाद, महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा, एटक नेता कौशलेंद्र कुमार वर्मा, जन स्वास्थ्य कर्मचारी महासंघ के नेता विश्वनाथ सिंह, ऐक्टू महासचिव आरएन ठाकुर, आशा कार्यकर्ता संघ महासचिव विद्यावती पांडेय, शबया पांडेय, ऐपवा नेत्री अनिता सिन्हा, एडवा नेत्री रामपरी देवी, सीटू महासचिव गणेश शंकर सिंह, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री शशिकांत राय, सुबेश सिंह, अमित मिश्रा, आशा संघर्ष समिति नेत्री सुधा सुमन, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, जिला आशा नेत्री प्रतिमा कुमारी, सुनीता कुमारी, चन्द्रकला कुमारी, सुशीला पाठक, छात्र नेता विश्वजीत, आइसा छात्र नेता आकाश कश्यप, आइसा राष्ट्रीय महासचिव प्रसन्नजीत कुमार आदि नेताओं ने मुख्य रूप से सम्बोधित किया।
#आशा_आंदोलन बिहार के 90 हज़ार आशाओं ने किया ऐलान, लेकर रहेंगे मासिक वेतनमान!ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ आशाओं के श्रम और दक्षता का दोहन कर रही है सरकार!कोरोना काल के जोखिमभरे काम के लिये कोई विशेष भत्ता नही मिला!#लड़ेंगे_जीतेंगे pic.twitter.com/4ZkikjEDzk
— Shashi Yadav (@Shashi_Aipwa) March 16, 2021