मज़दूर अधिकार संगठन के अध्यक्ष और श्रम अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार की लंबे इंतज़ार के बाद आख़िरकार ज़मानत के बाद रिहाई हो गई। उनको अवैध हिरासत में रखने और टॉर्चर के गंभीर आरोप सोनीपत पुलिस पर लगे हैं।
उनके साथ हुई ज़्यादती के साक्ष्य के तौर पर उनके पैर में फ्रैक्चर और नाख़ूनों में खींचे जाने के घाव मौजूद हैं। उनकी रिहाई के मौके पर उनकी साथी नवदीप कौर और संगठन के और लोग भी मौजूद थे।
मीडिया विजिल की फरवरी माह में की गई स्पेशल रिपोर्ट के मुताबिक भी शिव कुमार के ऊपर पुलिस ने अवैध हिरासत में टॉर्चर किया था। उनकी मानें तो 16 जनवरी को उनको हिरासत में ले लिया गया था, लेकिन अदालत में उनको 2 फरवरी को न्यायिक हिरासत में भेजा। जिसका साफ मतलब ये है कि उनको 10 दिन से भी अधिक समय तक, अवैध हिरासत में रखा गया। उनके ऊपर हुई हिंसा की पुष्टि उनकी मेडिकल रिपोर्ट में भी हो गई है और जेल से बाहर आते समय भी हो गई है। आप हमारी ये विशेष रिपोर्ट भी देख सकते हैं, जिसे हमने उनके गांव और परिवार के बीच से किया था;
शिव कुमार को फिलहाल चंडीगढ़ पीजीआई, इलाज के लिए भेजा गया है। जहां से आकर वे एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे।