नाव तोड़ने वाली सरकार का ग़ुरूर तोड़ेगा निषाद समाज- लल्लू

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राजनीति Published On :


यूपी कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा निकाली गई ‘नदी अधिकार यात्रा’ आज चौथे दिन जारी रही। यात्रा देर रात मेजा के मदरा गांव पहुंची।

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कई गांवों में निषाद समाज के लोगों को संबोधित किया। दसरथपुर में निषाद समाज से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि बसवार में निषाद समाज की नावों को तोड़ा गया। शिकारी कुत्तों को गांव में घुमाया गया। पुरुष पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को मारा पीटा। इसकी खबर जैसे ही हमारी महासचिव प्रियंका गांधी को हुई वह तत्काल बसवार पहुंची।

उन्होंने कहा कि आज हम प्रियंका गांधी के निर्देश पर निषाद समाज को हक़ दिलाने के लिए ‘नदी अधिकार पद यात्रा’ निकाल रहे हैं। जिस सरकार ने निषादों की नाव तोड़ी है, उसका गुरूर निषाद समाज तोड़ेगा।

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ‘नदी अधिकार यात्रा’ की मांगों को दोहराते हुए कहा कि-

  • नदियों पर निषादों के पारम्परिक अधिकार को सुनिश्चित किया जाय।
  • एनजीटी की गाइडलाइंस का हवाला देकर यूपी सरकार द्वारा नदियों में नाव द्वारा बालू खनन पर लगी रोक को हटायी जाए।
  • नदियों से बालू, मोरंग, मिट्टी निकालने के पारम्परिक अधिकार को सुनिश्चित किया जाए और जिन नाव घाट पर पीपा पुल का निर्माण हो उसके टोल ठेका में निषादों को वरीयता मिले।
  • बालू खनन से माफिया राज खत्म किया जाए।
  • मशीन द्वारा होने वाले बालू खनन पर रोक लगाई जाए।
  • नदियों के किनारे खेती के पारम्परिक अधिकार को सुनिश्चित किया जाए।
  • नदियों में मछली मारने का निर्बाध अधिकार दिया जाए।
  • निषाद समाज पर पुलिसिया उत्पीड़न बन्द हो, निर्दोष लोगों के ऊपर से मुकदमें वापस ले सरकार।
  • बसवार की बर्बर घटना की न्यायिक जांच हो और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही हो।

पिछड़ा वर्ग के उपाध्यक्ष व पूर्वी उत्तर प्रदेश के नाई समाज के लोकप्रिय नेता ओमप्रकाश ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार में सिर्फ कुछ जातियों का विकास हुआ है। अतिपिछड़ा समाज को सिर्फ झुनझुना पकड़ाया गया है।

उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ा समाज से भाजपा ने आरक्षण देने का वादा किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद भाजपा का सामाजिक न्याय विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। ओमप्रकाश ठाकुर ने कहा कि निषाद समाज की तरह उनका नाई समाज भी ठगा गया है।

आज सिरसा से चली यात्रा लगभग 21 किलोमीटर चली। ‘नदी अधिकार यात्रा’ के रास्ते मे पड़ने वाले दूबेपुर, दशरथपुर, परानीपुर, तनारिया, रैपुरा गांवों में जन सम्पर्क किया गया।