कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी आज सुबह अपने पिता के सहयोगी और पारिवारिक मित्र कैप्टन सतीश शर्मा की अर्थी को कंधा देने पहुँचे। नंगे पाँव अर्थी को कांधा देने वाली उनकी तस्वीर बता रही थी कि सतीश शर्मा का उनके लिए क्या महत्व था। वे लोधी शवदाहगृह भी पहुँचे। प्रियंका गाँधी भी उनके साथ थीं।
रायबरेली और अमेठी से सांसद रहे कैप्टन सतीश शर्मा का 73 साल की उम्र में गोवा में कल निधन हो गया था। वे कैंसर से पीड़ित थे। सूचना मिलते ही राहुल गाँधी ने ट्वीटर पर शोक संदेश जारी किया था।
I’m very sad to hear of the demise of Captain Satish Sharma.
My love and condolences to his family & friends.
We will miss him. pic.twitter.com/Ja3FgCoCwp
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 18, 2021
प्रियंका गाँधी ने भी एक पुरानी तस्वीर ट्वीट करते हुए कैप्टन शर्मा के निधन पर शोक जताया था।
R.I.P. Captain, generous of heart, steadfast in friendship and loyal to the end. A life well lived. I will miss you deeply. pic.twitter.com/rGp2H86kdc
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 18, 2021
ज़ाहर है, गाँधी परिवार के लिए यह व्यक्तिगत क्षति है। आमतौर पर निधन पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि देते तो नेतागण देखे जाते हैं लेकिन अर्थी को कंधा देने वाली बात शायद ही होती हो। राहुल गाँधी ने ऐसा करके बताया कि वे बचपन से जिन ‘अंकल’ को परिवार के साथ खड़े देखते रहे, उनका जाना उन्हें कितना साल गया है।
11 अक्टूबर 1947 को जन्मे सतीश शर्मा कैंसर से पीड़ित थे। वे बतौर कामर्शियल पायलट राजीव गाँधी के क़रीब आये और बाद में उनके सहयोगी बतौर राजनीति में सक्रिय हो गये। 1986 में वे पहली बार राज्यसभा के सदस्य चुने गये। राजीव गाँधी के निधन के बाद 1991 में अमेठी से लोकसभा के लिए चुने गये। एक बार वे रायबरेली से भी सांसद चुने गये। वे तीन बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे। 1993 से 1996 के बीच नरसिम्हाराव सरकार वे में वे केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री रहे। गाँधी परिवार की अनुपस्थिति में रायबरेली और अमेठी जैसे गढ़ों में कांग्रेस का तंत्र मज़बूत रखने में उनका अहम योगदान रहा।
कैप्टन शर्मा के निधन के चलते मथुरा में आज प्रस्तावित किसान महापंचायत स्थगित कर दी गयी है। यह पंचायत अब 23 फरवरी को होगी।