प्रियंका का मोदी पर हमलाः भगवान का सौदा करता है, किसान की क़ीमत क्या जाने!


प्रियंका गाँधी ने कहा कि वे शहीद के परिवार की बेटी हैं। शहादत का दुख शहीद का परिवार झेलता है। उसका मज़ाक उड़ाने का अधिकार किसी को नही है। जो अपने हक़ के लिए लड़ते हुए शहीद होता है वह पाक होता है। जो किसान मोदी जी के दरवाज़े पर खड़ा है, उसका बेटा देश की सरहद पर खड़ा है। उसका अपमान करने का हक़ उन्हें नहीं है। इन कानूनों से देश का किसान, गरीब संकट में है, मोदी जी इन्हें वापस लें। जिन्होंने सत्ता दी है उनका आदर कीजिए, उन्हें अपमानित मत करिये।


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किसान आंदोलन में खुलकर मैदान में कूद चुकी काँग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी ने आ ज बिजनौर के चांदपुर में आयोजित  किसान महापंचायत में मोदी सरकार पर मकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों की शहादत का अपमान कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए प्रियंका गाँधी ने कहा– भगवान का सौदा करता है, इंसान की क़ीमत क्या जाने/ जो गन्ने की क़ीमत दे न सका, वो किसान के जान की क़ीमत क्या जाने। प्रियंका गाँधी ने कहा कि वे, उनके भाई राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी अंतिम दम तक किसानों की लड़ाई के साथ हैं। प्रियंका गाँधी ने भाषण के अंत में आंदोलन के दौरान शहीद हुए 215 किसानों को श्रद्धांजलि स्वरूप दो मिनट का मौन रखवाया। महापंचायत में भारी भीड़ उमड़ी।

प्रियंका गाँधी इसके पहले सहारनपुर में भी किसान महापंचायत कर चुकी हैं। वे 26 जनवरी को प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए रामपुर के नौजवान नवरीत के घर अंतिम अरदास में भी गयी थीं। हर जगह उन्हें सुनने के लिए भारी भड़ी उमड़ रही है। आज भी बिजनौर के रास्ते में हापुड़ समेत कई जगहों पर उनका ज़ोरदार स्वागत किया गया।

महापंचायत में प्रियंका गाँधी ने विस्तार से कृषि क़ानूनों से पैदान होने वाले ख़तरों का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इन क़ानूनों के ज़रिये किसानों की भलाई का दावा कर रही है लेकिन ये किसानो की कैसी भलाई है जिसका किसान ही विरोध कर रहे हैं। क्या करोडो़ं किसानों की समझ क्या आपकी समझ से कमज़ोर है?

उन्होंने कहा कि 1955 में पं.नेहरू ने जमाखोरी के ख़िलाफ़ कानून बनया था क्योंकि किसान परेशान था। ये क़ानून उस क़ानून को ख़त्म कर रहा है। उद्योगपति जितना चाहेंगे जमा करेंगे। उनका एकाधिकार होगा तो मनमानी दाम तय करेंगे। किसान की हालत खराब होगी।खरबपतियों की बड़ी-बड़ी मंडियाँ खुलेंगी। सरकारी मंडी में टैक्स होगा, प्राइवेट में नहीं होगा। प्राइवेट की ओर जायेंगे किसान और जल्द ही सरकारी मंडियाँ बंद हो जाएंगी। इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य की सुरक्षा ख़त्म हो जाएगी। कानून में कांट्रेक्ट खेती की बात है। खरबपति आयेगा कहा कि  गन्ना उगाइये, पाँच सौ देंगे।  बाद में वो कह देगा कि नहीं करेंगे, दो सौ देंगे। अगर ऐसी स्थिति बनी तो किसान अदालत में भी नहीं जा पायेंगे। कोई सुनवाई नहीं होगी। एसडीएम और फिर उसके बड़े अफसर के पास जा सकते हैं। कैसे न्याय मिलेगा?

प्रियंका ने आरोप लगाया कि  ये कानून मोदी जी ने अपने पूँजीपति मित्रों के लिए बनाये हैं। बड़े-बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम उन्हें बेचे जा रहे हैं। मोदी जी ने पूँजीपति मित्रों को पूरा देश सौंप दिया गया है। वही मीडिया चला रहे हैं। सत्तर सालों में जो सार्वजनिक उद्योग जनता के दम पर बने हैं, उन्हें या तो बेच दिया गया है या बेचने को तैयारी है।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जो पीएम अमेरिका में ट्रंप के समर्थन में रैली कर सकते हैं, चीन जा सकते हैं, कोई देश उनसे छूटा नहीं है, लेकिन कुछ किलोमीटर दूर दिल्ली सरहद पर बैठे किसानो तक वे नहीं जा सेक। यही नहीं संसद में खड़े होकर उन्होंने किसानो का मज़ाक उड़ाया। आंदोलनजीवी और परजीवी कहा। संसद में हँसते हुए किसानों का अपमान किया। उन्होंने कहा कि वे  25 साल के शहीद नौजवान के घर अंतिम अरदास में शामिल होने रामपुर गयी थीं। माँ की आँख में आँसू था। मोदी जी उसको देशद्रोही कह रहे हैं। केवल देशभक्त ही शांतिपूर्ण तरीके से 80 दिनों से बार्डर पर बैठकर धरना दे सकता है। लेकिन हरियाणा की बीजेपी सरकार के कृषि मंत्री हँसते हुए कह रहे हैं कि घर में बैठे हुए भी किसान मर जाते हैं।

प्रियंका गाँधी ने कहा कि वे शहीद के परिवार की बेटी हैं। शहादत का दुख शहीद का परिवार झेलता है। उसका मज़ाक उड़ाने का अधिकार किसी को नही है। जो अपने हक़ के लिए लड़ते हुए शहीद होता है वह पाक होता है। जो किसान मोदी जी के दरवाज़े पर खड़ा है, उसका बेटा देश की सरहद पर खड़ा है। उसका अपमान करने का हक़ उन्हें नहीं है। इन कानूनों से देश का किसान, गरीब संकट में है, मोदी जी इन्हें वापस लें। जिन्होंने सत्ता दी है उनका आदर कीजिए, उन्हें अपमानित मत करिये।

प्रियंका ने कहा कि  कुछ नेता ऐसे होते हैं जिन्हें अहंकार हो जाता है और वे भूल जाता है कि सत्ता किसने दी है। ऐसे नेता को देशवासी सबक सिखाते हैं। तब पता चलता है कि लोगों को बाँटना, उनका धर्म नहीं था, जनता के लिए काम करना उनका धर्म था। प्रियंका ने कहा कि उन्हें लगता नहीं कि इस सरकार को अपना धर्म याद आयेगा। सात साल में किसान, छोटा व्यापारी, गरीब की कमर सरकार ने  तोड़ दी, केवल पूँजीपति मित्रों की मदद की। उन्हें देश की जनता पर भरोसा है। उम्मीद है कि जनता अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगी। कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता किसानों के साथ रहेगा।

प्रियंका गाँँधी ने कहा कि वे और उनके भाई राहुल गांधी किसानों के साथ रहेंगे जिन्होंने संसद में किसानों के लिए दो मिनट का मौन रखा तो सत्ता पक्ष के सांसद मज़ाक उड़ाते रहे, जबकि विपक्ष के सांसद खड़े रहे।

प्रियंका गाँधी ने अंत में शहीद किसानों की याद में दो मिनटा का मौन रखा।