हरियाणा के नांगल चौधरी से भाजपा के विधायक डॉ अभय सिंह यादव के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए जय किसान आंदोलन और स्वराज अभियान के संस्थापक योगेंद्र यादव ने हैरानी जताई है कि जिस सरकार के प्रतिनिधियों को एसवाईएल कनाल ना बनने पर जनता को जवाब देना चाहिए, वह उल्टे किसान संगठनों से सवाल पूछ रहे हैं। जो राज्य और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू नहीं करवा पाई, वह अब किसान आंदोलन से यह काम करवाने की अपील कर रही है। बीजेपी विधायक की चुनौती को स्वीकार करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान आंदोलन इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तैयार हैं, बशर्ते हरियाणा, पंजाब और केंद्र सरकार मिलकर यह मामला किसान संगठनों के हाथ में सौंप दें।
उन्होंने कहा कि डॉ अभय यादव के बयान से यह स्पष्ट है की दक्षिण हरियाणा की जनता को की गई मेरी वीडियो अपील से बीजेपी बौखला गई है। शायद विधायक जी को यह पता नहीं की एसवाईएल के मुद्दे पर मैं आज नहीं, पिछले 15 वर्ष से सक्रिय हूं। वर्ष 2005 में स्वर्गीय देवेंद्र सिंह यादव जी के नेतृत्व में हम लोगों ने “संपूर्ण क्रांति मंच, हरियाणा” के तत्वावधान में पंजाब और हरियाणा के किसानों और बुद्धिजीवियों की बैठक कर इस मुद्दे का समाधान सुझाया था। तब से अब तक मैं लगातार लिख और बोल कर इस मुद्दे को उठाता रहा हूं और इसे सुलझाने का प्रस्ताव देता रहा हूं। उस प्रस्ताव पर न तो कांग्रेस की सरकारों ने कान दिया और न ही भाजपा ने। इतने सालों तक अपनी अकर्मण्यता को ढकने के लिए अब वे पलट कर हमसे सवाल करें, इससे हास्यास्पद क्या हो सकता है। ज्ञात हो कि कल दिए अपने बयान में नांगल चौधरी के विधायक ने कहा था कि ‘योगेंद्र यादव एसवाइएल कनाल बनवाने की घोषणा करवाएं, तभी दक्षिण हरियाणा उन्हें अपना समझेगा।”
योगेंद्र यादव ने पलटकर बीजेपी नेतृत्व से सवाल पूछे हैं:
- जब 2014 से 2017 के बीच केंद्र, हरियाणा और पंजाब तीनों सरकारें बीजेपी के हाथ में थी, उस वक्त उन्होंने एसवाईएल का मुद्दा क्यों नहीं सुलझाया?
- आज भी बीजेपी की पंजाब और हरियाणा इकाई इस सवाल पर एक दूसरे से उलट बातें क्यों करती है? हरियाणा की बीजेपी क्यों नहीं कम से कम पंजाब की बीजेपी से एसवाईएल के पक्ष में बयान दिलवा देती?
- बीजेपी सरकार द्वारा दक्षिण हरियाणा के किसानों को सरसों और बाजरा के दाम दिलवाने का दावा करने वाले नेता तब कहां थे जब जय किसान आंदोलन ने एमएसपी पर सरसों की खरीद करवाने के लिए 2017 में रेवाड़ी में 52 दिन का धरना दिया था?
- कहां थे वो बीजेपी के नेता जब हमने 2018 में बाजरा की खरीद के लिए पूरे दक्षिण हरियाणा में आंदोलन किया था?
- आज भी वह नेता चुप क्यों है जब सरकार दाने दाने की खरीद का दावा करने के बाद प्रति एकड़ पैदावार और प्रतिदिन की सीमा लगाकर इस जिम्मेवारी से मुकर जाती है?
भाजपा के छद्म राष्ट्रवाद पर सवाल उठाते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि किसी सच्चे राष्ट्रवादी को खुशी होती कि हरियाणा और पंजाब के किसान का मन जुड़ रहा है। देश के दो इलाकों और दो समुदायों के एक साथ जुड़ने से जिन बीजेपी के नेताओं को परेशानी है, जो उन्हे दुबारा बांटना चाहते है, वो देशप्रेमी नहीं देशद्रोही हैं।
योगेंद्र यादव ने दक्षिण हरियाणा के किसानों का आभार जताया जो उनकी वीडियो अपील का सम्मान कर शाहजहांपुर में किसान आंदोलन से जुड़े है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 26 जनवरी से पहले इलाके के बाकी किसान भी इस ऐतिहासिक आंदोलन से जुड़ जाएंगे। उन्होंने प्रत्येक किसान के घर से एक मेंबर प्रत्येक गांव से पांच ट्रैक्टर और कम से कम 11 महिलाओं से 26 जनवरी के मार्च में जुड़ने का आह्वान किया।