कृषि कानूनों के खिलाफ 46 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों का गुस्सा आज भड़क उठा। हरियाणा के किसानों ने करनाल जिले के कैमला गांव में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की बहुप्रचारित किसान पंचायत नहीं होने दी। सभा से पहले ही वहां भारी संख्या किसान पहुंच गए और हंगामा कर दिया। किसानों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन भीड़ आगे बढ़ती रही। किसानों ने मुख्यमंत्री के लिए बनाए गए मंच पर जमकर तोड़फोड़ की। हेलीपैड पर भी किसानों ने कब्जा कर लिया। जिसके चलते मुख्यमंत्री खट्टर को अपनी किसान पंचायत रद्द करनी पड़ी।
इस पंचायत को मुख्यमंत्री खट्टर ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना दिया था। तीन दिन से कैमला गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। कई रास्तों पर आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई थी। हजारों पुलिसकर्मियों के साथ आला पुलिस अधिकारी कैमला गांव में डेरा डाले थे।
कैमला की ओर जाने वालों रास्तों पर भारी बैरीकेटों के साथ ही माल से भरे ट्रकों को आरटीओ के जरिये जबरन पकड़कर आड़े तिरछे लगा दिया गया था। भारतीय किसान यूनियन चढूनी के नेता गुरुनाम सिंह चढूनी ने जिले के किसानों से खट्टर के कार्यक्रम को न होने देने का खुला आह्वान किया था।
शुक्रवार को गांव में पहुंचे किसान यूनियन के सैकड़ों समर्थकों को भाजपा कार्यकर्ताओं ने गांव का किसान नहीं होने का दावा करते हुए गांव से बाहर करवा दिया था। उसके बाद गांव के नौजवानों की बैठक हुई और उन्होंने कल सैकड़ों की संख्या में घरौंडा टोल नाके पर जाकर किसानों का साथ देने और खट्टर के कार्यक्रम का विरोध करने का आह्वान किया।
आज सुबह से ही हजारों किसान कैमला की ओर बढ़ चले। पुलिस ने किसानों पर अश्रुगैस के गोले दागे। पानी की बौछार की, पर किसान पुलिस बैरीकेटों को तोड़ते हुए खेतों के रास्ते हैलीपेड पर कब्जा कर लिए। मुख्य मंत्री का हैलीकाप्टर आया और ऊपर से ही वापस जाने को मजबूर हो गया। थोड़ी देर में मुख्यमंत्री की गाड़ियों का काफिला भी लौट गया।
अखिल भारतीय किसान महासभा के सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजक स्थानीय विधायक के गुंडे और भाजपा कार्यकर्ता पुलिस की मौजूदगी में आंदोलनकारी किसानों पर लाठियों से हमला किये और पिस्तौल दिखा गोली मारने की धमकी देने लगे। इससे गुस्साए किसानों ने पुलिस घेरा तोड़ कर सभा स्थल में प्रवेश कर लिया और पूरे सभा स्थल को तहस-नहस कर दिया। उन्होंने कहा कि कैमला में आज सत्ता की हनक टूट गई और किसानों की जीत हुई।