हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस जा रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। राहुल गांधी के साथ भी धक्का मुक्की की गई। दरअसल दोनों ही नेता कार से हाथरस निकले थे लेकिन उन्हें ग्रेटर नोएडा के पास पुलिस ने रोक दिया। प्रशासन का कहना है कि उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं है। इसके बाद दोनों नेता पैदल ही हाथरस के लिए मार्च कर रहे थे। उनके साथ हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम था।
गिरफ्तारी से पहले पुलिस प्रशासन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हंगामा हुआ। पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठी भांजी और राहुल गांधी के साथ भी धक्का-मुक्की की। पुलिस की धक्का-मुक्की के चलते राहुल गांधी जमीन पर भी गिर पड़े। पुलिस के लाठीचार्ज से कई कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि “अभी पुलिस वालों ने मुझे धक्का दिया, मुझ पर लाठीचार्ज किया और मुझे जमीन पर गिरा दिया। मैं कुछ नहीं कह रहा हूं, कोई प्रॉब्लम नहीं। लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि क्या इस हिंदुस्तान में केवल आरएसएस और बीजेपी के लोग ही चल सकते हैं? क्या सामान्य आदमी सड़क पर नहीं चल सकता। हमारे वाहन को रोका गया, इसलिए हमने पैदल चलना शुरू कर दिया।”
गिरफ्तारी से पहले राहुल गांधी की पुलिस प्रशासन से जमकर बहस हुई। राहुल गांधी ने पूछा, ‘आप मुझे अरेस्ट क्यों कर रहे हैं। इसका आधार आखिरकार क्या है, कृपया मीडिया को बताएं। इस पर पुलिस वाले ने बताया कि आधिकारिक आदेश की अवहेलना करने के लिए सेक्शन 188 के तहत ऐसा किया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि वो धारा 144 का उल्लंघन नहीं करना चाहते हैं और पीड़ित परिवार से मिलने अकेले जाना चाहते हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि “दुख की घड़ी में अपनों को अकेला नहीं छोड़ा जाता। उत्तर प्रदेश में जंगलराज का ये आलम है कि शोक में डूबे एक परिवार से मिलना भी सरकार को डरा देता है। इतना मत डरो, मुख्यमंत्री महोदय!
दुख की घड़ी में अपनों को अकेला नहीं छोड़ा जाता।
UP में जंगलराज का ये आलम है कि शोक में डूबे एक परिवार से मिलना भी सरकार को डरा देता है।
इतना मत डरो, मुख्यमंत्री महोदय!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 1, 2020
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि “एक घमंडी सत्ता मासूम बच्चियों के मृत शरीरों पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही है। अन्याय को रोकने के बजाए, खुद अन्याय कर रही है। महिलाओं के लिए एक सुरक्षित समाज और प्रदेश के लिए- जहां वो आज़ादी से जी सकें और आगे बढ़ सकें – हमारा संघर्ष जारी रहेगा”।
एक घमंडी सत्ता मासूम बच्चियों के मृत शरीरों पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही है। अन्याय को रोकने के बजाए, खुद अन्याय कर रही है।
महिलाओं के लिए एक सुरक्षित समाज और प्रदेश के लिए- जहां वो आज़ादी से जी सकें और आगे बढ़ सकें – हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 1, 2020
इसके पहले एक अन्य ट्वीट में प्रियंका गांधी ने कहा कि “हाथरस जाने से हमें रोका। राहुल जी के साथ हम सब पैदल निकले तो बारबार हमें रोका गया, बर्बर ढंग से लाठियाँ चलाईं। कई कार्यकर्ता घायल हैं। मगर हमारा इरादा पक्का है। एक अहंकारी सरकार की लाठियाँ हमें रोक नहीं सकतीं। काश यही लाठियाँ, यही पुलिस हाथरस की दलित बेटी की रक्षा में खड़ी होती”।
हाथरस जाने से हमें रोका। राहुल जी के साथ हम सब पैदल निकले तो बारबार हमें रोका गया, बर्बर ढंग से लाठियाँ चलाईं। कई कार्यकर्ता घायल हैं। मगर हमारा इरादा पक्का है। एक अहंकारी सरकार की लाठियाँ हमें रोक नहीं सकतीं। काश यही लाठियाँ, यही पुलिस हाथरस की दलित बेटी की रक्षा में खड़ी होती। pic.twitter.com/lRq9kLSHJz
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 1, 2020
वहीं लखनऊ में मुख्यमंत्री का घेराव करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। मुख्यमंत्री का घेराव करने उनके आवास की ओर जा रहे कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा, कांग्रेस नेता दीपक सिंह, वीरेंद्र चौधरी और मनोज यादव समेत कई नेता को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
बता दें कि 14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में ठाकुरों के चार लड़कों की दरिंदगी का शिकार हुई दलित लड़की को हालत बिगड़ने पर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहाँ 29 सिंतबर की सुबह उसका निधन हो गया। इस घटना में पुलिस ने आठ दिनों बाद बलात्कार की धारा जोड़ी थी जब मुद्दा काफी गरमा गया, वरना छेड़खानी बताकर मामले को रफा-दफा करने की तैयारी थी। इस घटना पर भड़के आक्रोश को देखते हुए सरकार काफ़ी सतर्क हो गयी थी। उसने परिजनों को शव नहीं सौंपा। इस मामले में धरना-प्रदर्शन करने वालों को गिरफ्तार किया गया और पुलिस रात में शव लेकर हाथरस पहुँची। ग्रामीणों में बेहद आक्रोश था।
परिजन चाहते थे कि वे लड़की को अपने रीति-रिवाज के साथ विदा करें, लेकिन हाथरस पुलिस इसके लिए तैयार नहीं हुई। पुलिस ने घेरेबंदी करके लोगों को दूर कर दिया और खुद ही चिता जला दी। इस चिता में योगी सरकार की साख भी राख हो गयी।
लड़की के पिता ने आरोप लगाया है कि परिजनों को घर में बंद कर दिया गया और शव देखने भी नहीं दिया गया। उन्हें नहीं पता कि पुलिस ने किसका शव जलाया है।