राजस्थान में चल रहा सियासी घमासान उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है। राजस्थान के बहाने यूपी में कांग्रेस और बीएसपी के बीच सियासी जंग शुरू हो गई है। बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शामिल हुए बीएसपी विधायकों को व्हिप जारी किया गया है, कि वो कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा में वोट करें। बीएसपी प्रमुख मायावती के बयान बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उन पर पलटवार किया है, उन्होंने एक बार फिर इशारों इशारों में बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर भाजपा का अघोषित प्रवक्ता बताते हुए निशाना साधा है।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि “भाजपा के अघोषित प्रवक्ताओं ने भाजपा को मदद की व्हिप जारी की है। लेकिन ये केवल व्हिप नहीं है बल्कि लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने वालों को क्लीन चिट है”।
भाजपा के अघोषित प्रवक्ताओं ने भाजपा को मदद की व्हिप जारी की है। लेकिन ये केवल व्हिप नहीं है बल्कि लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने वालों को क्लीन चिट है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 28, 2020
दरअसल बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें लगातार धोखा दिया, धोखे से बीएसपी विधायकों को भी अपनी पार्टी में ले लिया। मायावती ने कहा कि इस मामले को वो सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जाएंगी, अगर कांग्रेस की सरकार गिरती है तो इसके लिए अशोक गहलोत जिम्मेदार होंगे। बीएसपी ने पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ने वाले छह विधायकों को विधानसभा में गहलोत सरकार के खिलाफ मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया है।
Press Note pic.twitter.com/2zm0wQs9Nh
— BSP Uttar Pradesh (@BSPUPofficial) July 26, 2020
बीएसपी ने विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी, लेकिन उनकी याचिका हाईकोर्ट से खारिज हो गई है। इसके बाद आज नई याचिका दायर की गई है। वहीं बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने की भी मांग की थी।
2. इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहाँ के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहाँ राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) July 18, 2020