लखनऊ, ब्यूरो। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सबसे अहम सरकारी अस्पतालों में से एक बलरामपुर अस्पताल में कोरोना संकट के बीच भी लगातार चौथे दिन, नर्सिंग स्टाफ का आंदोलन जारी है। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक को हटाए जाने की मांग को लेकर शुरु हुए, इस आंदोलन में शुक्रवार को सभी संवर्गों के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हो गए। ये मामला तब शुरु हुआ, जब अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. राजीव लोचन ने कोरोना वॉर्ड में एक नर्स से अभद्रता करते हुए, कोरोना वॉर्ड में इस्तेमाल किए हुए ग्लव्स पहले उसके हाथ में रखे और फिर उसकी ज़ेब में ज़बरन ठूंस दिए।
शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे, अस्पताल के कर्मचारियों ने अस्पताल के प्रांगण में खड़े होकर शपथ ली कि वे कोविड 19 से लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, मरीज़ों की सेवा करते रहेंगे, अपनी ज़िम्मेदारी निभाएंगे लेकिन शांतिपूर्ण आंदोलन और प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे, जब तक कि डॉ. राजीव लोचन को डायरेक्टर के पद से हटाया नहीं जाता।
अस्पताल के निदेश डॉक्टर राजीव लोचन के बर्ताव को लेकर लंबे वक़्त से कर्मचारियों और डॉक्टर्स की शिकायतें बनी हुई हैं। डॉ. राजीव लोचन की ऊंची राजनीतिक पहुंच बताई जाती है और माना जाता है कि उनके सेवाकाल की अवधि पूरी होने के बाद भी रिटायर होने की जगह, सरकार ने उनको एक्सटेंशन दे कर अस्पताल के निदेशक बनाए रखा। वे पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल रहे दिवंगत भाजपा नेता रामप्रकाश गुप्ता के बेटे हैं।
फिलहाल बलरामपुर अस्पताल के स्टाफ का हड़ताल न करने और अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाते रहने की ये शपथ निश्चित तौर पर तारीफ़ के क़ाबिल है। लेकिन सरकार को जल्द ही पूरे राज्य में जगह-जगह फैली अव्यवस्था से असंतुष्ट चिकित्साकर्मियों की नाराज़गी को दूर करना होगा क्योंकि कोरोना संकट, धीरे-धीरे और गहराता दिखाई दे रहा है।