उत्तर प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य के विभिन्न जिलों में हाल में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस के ‘गैरकानूनी आचरण’ की न्यायिक जांच की मांग की. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल आनंदीबेन से मुलाकात की और उन्हें 14 पेज का ज्ञापन सौंपा.
Lucknow: Congress delegation met Uttar Pradesh Governor Anandiben Patel and submitted a memorandum demanding an inquiry into the role of the Police during clashes with protesters. #CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/OGORAOipWd
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 30, 2019
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष लल्लू द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदेश में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस का रवैया गैरकानूनी, नियमों को ध्वस्त करने वाला और ईमानदार नागरिकों का उत्पीड़न करने वाला था. ज्ञापन में मांग की गई है कि सीएए का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे लोगों पर दर्ज किए गए सभी मुकदमों का निष्पक्ष आकलन हो और किसी सेवानिवृत्त या सेवारत जज की अगुवाई में एक स्वतंत्र आयोग इनकी निगरानी करे. यह भी मांग ज्ञापन में की गई है कि उन सभी लोगों को फौरन जमानत दी जाए जिन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं.
राज्यपाल ज्ञापन
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस ज्यादती और बर्बरता की पूर्ण न्यायिक जांच जरूरी है ताकि प्रशासन और पुलिस की ज्यादती का पता लग सके और इसमें मारे गए लोगों के परिवारों को इंसाफ मिल सके. ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे संविधान में दिया गया मौलिक अधिकार है और सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए लोगों की जायदाद कुर्क करने का नोटिस तथा अन्य दंडात्मक कार्रवाई तब तक निलंबित रखी जानी चाहिए जब तक सक्षम और निष्पक्ष अधिकारियों द्वारा इन घटनाओं की समुचित जांच पूरी नहीं कर ली जाती.