दो दिन से लापता युवती का शव बनारस के चौबेपुर के ढेकवा गांव में मिला. लाश मिलते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा.शहर के बीचोबीच स्थित तेलियाबाग से 11 दिसंबर को लापता हुई थी युवती. युवती गत 11 दिसंबर को दोपहर में लापता हुई थी. पुलिस ने हिलाहवाली कर 12 दिसंबर को गुमसुदगी की रिपोर्ट लिखी थी. 13 दिसंबर को चौबेपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में शव मिला जो उस लापता युवती थी.अखबार में छपी खबर के बाद आज ग्रामीणों को लड़की की हत्या होने का पता चला पता.शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा.
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तेलियाबाग में मरी माई चौराहे पर लाश के साथ सैकड़ों लोग सड़क पर उतर गए और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया.
युवती एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थी और 11 दिसम्बर को ट्यूशन पढ़ाने के लिए घर से निकली थी. तब से लापता हो गई. बुधवार की शाम ट्यूशन पढ़ाने के बाद घर नहीं लौटी. युवती का मोबाइल भी स्विच ऑफ बता रहा था. युवती के लापता होते ही परिवार वालों ने थाने में शिकायत की लेकिन सीमा विवाद में उलझी पुलिस परिवार वालों को दौड़ाती रही.
जहां ट्यूशन पढ़ाने जाती थी वहां संपर्क किया गया तो पता चला कि वह वहां से नियत समय पर निकल चुकी थी. परिजनों ने रात भर मोटरसाइकिल से युवती की खोजबीन की. थक हार कर चेतगंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो उन्हें तमाम कागजों की आवश्यकता बताकर भगा दिया गया.
परिजन जब सभी कागजात लेकर दुबारा चेतगंज थाने पहुंचे तो वहां बताया गया है कि जहां से युवती गायब हुई है वह सिगरा थाने के अंतर्गत आता है. सिगरा थाने जाकर एफआईआर दर्ज कराइए. परिजन जब सिगरा थाने पहुंचे तो वह वहां भी वही सीमा क्षेत्र का मामला उठाया गया. काफी जद्दोजहद के बाद एवं क्षेत्रीय सभासद प्रशांत सिंह के दबाव में अंततः सिगरा थाने ने मामला दर्ज कर लिया. यह सब घटनाक्रम में 2 दिन का समय बीत गया. इस बीच शुक्रवार की शाम को चौबेपुर थाना अंतर्गत ढकवा गांव के रहने वाले ग्रामीणों को नदी के किनारे नीले सूट में एक लाश बहती हुई दिखाई दी.
ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंचकर लाश को अज्ञात अवस्था में दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में पोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा. परिजनों ने अखबार में प्रकाशित खबर से शंका हुई तो चौबेपुर थाने पहुंचकर जानकारी ली और दीनदयाल अस्पताल पहुंचे तो लाश देख पहचान लिया. पोस्टमार्टम से रोकते हुए हंगामा करने लगे. काफी समझाने बुझाने के बाद परिजन माने और लाश को पोस्टमार्टम के लिए बीएचयू भेज दिया गया. बीएचयू पोस्टमार्टम हाउस पर भी हंगामा मचा. इंस्पेक्टर सिगरा आशुतोष ओझा ने परिजनों को समझा बुझाकर मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई का आश्वसन देकर शांत कराया. यहां से शनिवार की शाम शव घर पहुंचा तो एक बार फिर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोग सड़क पर उतर गए.