भारतीय जनता पार्टी के नेता, पूर्व राज्यसभा सांसद और आठारह बरस तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र पांचजन्य के संपादक रहे तरुण विजय ने ट्विटर पर रमज़ान की ‘सशर्त’ मुबारकबाद देकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। तरुण विजय ने 17 मई की सुबह एक ट्वीट किया जिसका हिंदी तर्जुमा कुछ यूं बनता है:
”रमज़ान की मुबारकाद केवल उन्हें जो हिंसा को त्यागें और तिरंगे को धारण करें। हमारी दुनिया और आपका रमज़ान ऐसा हो जो अनिवार्य रूप से देश के गौरव के साथ जुड़े। वर्ना…।”
Ramadan greetings to only those who shun violence and wear Tiranga. Our world and your Ramadan must connect essentially with glory of our nation. Otherwise…
— Tarun Vijay ( Modi Ka Parivar) (@Tarunvijay) May 17, 2018
इस ”सशर्त” मुबारकबाद पर कुछ तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। मसलन, एक पाठक ने यह सवाल उठाया कि मुसलमान तो हमेशा आज़ादी के लिए लड़ते रहे जबकि आरएसएस तो हाल तक तिरंगे को नहीं मानता था। अंग्रेज़ी की मशहूर पत्रिका ‘दि कारवां’ के संपादक विनोद के. जोस लिखते हैं:
”आरएसएस के मुखपत्र के पूर्व संपादक और पूर्व सांसद के मुख से यह मुबारकबाद नहीं, धमकी जान पड़ती है। यह आक्रोशित करने वाली बात है, खासकर तब जबकि वे जिस तिरंगे को पैमाना बना रहे हैं उसे खुद आरएसएस में उनके पुरखों ने जलाया था। इसके बजाय वे झंडे के रूप में भगवा और तिकोना ध्वज चाहते थे।”
This sounds not like a greeting, but a threat, from a former editor of the RSS mouthpiece and an Ex-MP.. Outrageous. Especially when the tiranga he holds as the litmus test was once burned by his ancestors in the RSS; they wanted instead triangular saffron dvajas as national flag https://t.co/8mfSMsOmkz
— Vinod K. Jose (@vinodjose) May 21, 2018
अपने ट्वीट के आखिरी शब्द ”वर्ना” का जवाब तरुण विजय ने खुद 18 मई को जवाब में दिया है। जब कई पाठकों ने ”वर्ना” का आशय पूछा तो तरुण विजय ने लिखा:
”वर्ना हम उन्हें ‘देशद्रोहियों की पसंद वाली’ उनकी धरती पर भेजते रहेंगे जैसा कि हम रोज़ ही कर रहे हैं। और कुछ?”
Otherwise will keep sending them to their land of ‘traitor’s choice’ as are doing every day . More ?https://t.co/CyI7L3VsyR
— Tarun Vijay ( Modi Ka Parivar) (@Tarunvijay) May 19, 2018
इस जवाब के साथ तरुण विजय ने दैनिक ट्रिब्यून की एक खबर का लिंक चिपकाया है जिसमें श्रीनगर से ख़बर है कि प्रधानमंत्री के दौरे से एक दिन पहले सेना ने तीन अज्ञात आतंकियों को मार गिराने का दावा किया है।
वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता सुभाषिनी अली ने ट्वीट की प्रतिक्रिया में पूछा है: ”वियर तिरंगा” से आपका क्या आशय है? मेरे खयाल से ऐसा कहना गैर-कानूनी है।”
What do you mean by ‘wear’ tiranga? I thought that was illegal!
— Subhashini Ali (@SubhashiniAli) May 19, 2018
इसके जवाब में तरुण विजय कहते हैं, ”ओहो माननीय सुभाषिनी जी, आपने गलत समझा। ”वियरिंग” से आशय है तिरंगे की भावना का सम्मान करना।”
Oh ho respected @SubhashiniAli ji you mistook. Wearing in the sense living the spirit of Tiranga💐👍🇮🇳
— Tarun Vijay (@Tarunvijay) May 19, 2018