लखनऊ प्रतिनिधि, मीडियाविजिल
उन्नाव रेप कांड और बलात्कृता के पिता की त्रासद मौत के बाद यूपी में सियासी ड्रामा और लंबा खिंच रहा है। खुद भाजपा के पदाधिकारियों की शर्मिंदगी की हालत यह हो गयी है कि पार्टी की प्रवक्ता अमित शाह से गुहार लगा रही है पार्टी की इज्जत बचा लीजिए लेकिन लखनऊ से लेकर दिल्ली तक कहीं कोई सुनवाई नहीं है।
No one is greater than Amit Shah in BJP & that's why I thought I should inform him what has disgraced our party. This is failure of UP govt because we fought for women's respect but risked it just for saving image of an influential person: Deepti Bhardwaj, BJP on #Unnao rape case pic.twitter.com/9Z7cFkwDQ5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 11, 2018
पहले तो कुलदीप सिंह सेंगर को बुधवार देर रात के नाटकीय घटनाक्रम में एसएसपी ने गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया। पूरे मीडिया में हल्ला हुआ कि विधायक सरेंडर करने जा रहा है, लेकिन ऐसा कछु भी नहीं हुआ। उसके बाद आखिरकार यूपी पुलिस ने उन्नाव रेप केस में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआइआर तो दर्ज कर लिया, लेकिन गिरफ्तारी करने के बजाय प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डाली और मामला सीबीआइ को सौंप दिया।
गुरुवार को दिन में राज्य के प्रधान सचिव (गृह) अरविंद कुमार और पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता रखी जिसमें डीजीपी के मुंह खोलते ही पत्रकारों ने आपत्ति जता दी। डीजीपी बोले, ”…माननीय विधायक के विरुद्ध जो बलात्कार का आरोप लगाया गया है…।” इतने में ही पत्रकारों की ओर से आवाज़ उठने लगी कि आखिर वे विधायक को ”माननीय” कैसे कह रहे हैं। इस पर डीजीपी ने सफ़ाई दी कि ”आरोपी को सम्मान दे रहे ळैं विधायक होने के कारण तो कोई नहीं… अभी दोषी नहीं करार दिए गए हैं वो… एक आरोप लगा है और उस आरोप की जांच, उसकी विवेचना हमने सीबीआइ को दे दिया है।”
#WATCH UP DGP OP Singh addresses BJP MLA Kuldeep Singh Senger as 'Mananiye (honourable)', later clarifies after objection by journalists, 'there is no harm in giving respect to an MLA even if he is an accused, he is not guilty yet' pic.twitter.com/OEVmd4zvXF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 12, 2018
दिलचस्प बात यह है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी और प्रधान सचिव (गृह) के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार का काम मुख्यमंत्री को मीडिया से जुड़े मामलों पर सलाह देना होता है। सवाल उठता है कि सूबे के दो आला अधिकारियों के आखिर मीडिया सलाहकार की मौजूदगी का क्या मतलब निकाला जाए।
लखनऊ के कुछ पत्रकार इस घटना से हैरत में हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद एक पत्रकार ने फोन पर बताया, ”कल रात के ड्रामे से राज्य सरकार की बहुत छीछालेदर हुई पड़ी है। अगर मीडिया को मैनेज ही करना था तो सरकार संपादकों को फोन करवा के भी कह सकती थी… ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।”
ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि 10 अप्रैल की शाम उन्नाव मामले में जांच के लिए गठित एसआइटी की टीम को मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश दिया गया था कि टीम मौका मुआयना कर के 11 की शाम तक रिपोर्ट पेश करे। एसआइटी भी बन गई, एफआइआर भी हो गई और राज्य सरकार ने सीबीआइ को जांच सौंपकर सारा मामला केंद्र के पाले में डाल दिया।
#UPCM श्री #YogiAdityanth ने गृह विभाग को निर्देश दिए हैं कि एसआईटी टीम कल उन्नाव का दौरा सुनिश्चित करे और कल शाम तक रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) April 10, 2018
एफआइआर दर्ज किए जाने पर महिला के चाचा ने संतोष जाहिर किया है।
Yes we are happy that finally an FIR has been registered against #KuldeepSinghSengar , had this been done much earlier, my brother(victim's father) would be alive today. Still, lets see if he will be arrested or not: Uncle of victim #UnnaoCase pic.twitter.com/mCFiBpAdUO
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 12, 2018
उधर महिला ने अपने चाचा की जान को कुलदीप सिह सेंगर से खतरा बताया है
Still so many questions are being raised on me, even after my father's murder. How will I get justice? CBI probe is fine but first MLA(#KuldeepSinghSengar) should be arrested as he will influence probe, I now fear for my uncle's(father's brother) life: #UnnaoCase victim pic.twitter.com/hPDqxAdWCA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 12, 2018
इस समूचे घटनाक्रम पर न सिर्फ विपक्षी पार्टियों ने कठोर प्रतिक्रिया दी है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी कड़ा बयान जाहिर करते हुए मामले को संगीन बताया और यूपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
#UnnaoRape | "The reported failure of the UP police to register an FIR against the accused, the harassment faced by the survivor and her family, and the death of her father in custody paint a chilling picture," said Amnesty International in a statement.https://t.co/8NifJpFiBY
— The Quint (@TheQuint) April 11, 2018
खुद यूपी बीजेपी की प्रवक्ता डॉ. दीप्ति भारद्वाज दो दिनों से इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को ट्वीट कर के राज्य की इज्जत बचा लेने की गुहार किए जा रही हैं।
आदरणीय भाई @AmitShah जी
उत्तर प्रदेश को बचा लीजिए, सरकार के निर्णय शर्मसार कर रहे हैं। ये कलंक नहीं धुलेंगे। आदरणीय भाई @narendramodi जी और आपके साथ हम सबके सपने चूर चूर होंगे— Dr. Deepti Bharadwaj मोदी का परिवार (@deeptibharadwaj) April 11, 2018
जान सांसत में डाल ली हमने
दुश्मनी खुद से पाल ली हमनेउनकी हसरत का अहतराम किया
खुद ही पगड़ी उछाल ली हमने
उत्तर प्रदेश बचाओ@narendramodi@AmitShah @sunilbansalbjp @PMOIndia— Dr. Deepti Bharadwaj मोदी का परिवार (@deeptibharadwaj) April 11, 2018
उत्तर प्रदेश के अचानक हुए घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण हैं। संगठन की 2019 की योजना पर पानी फेरने वाले @AmitShah https://t.co/UKLOiGk1oe
— Dr. Deepti Bharadwaj मोदी का परिवार (@deeptibharadwaj) April 11, 2018