अतुल देव, द कारवां, 9 मार्च 2018
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस के चचेरे भाई संजय फणनवीस ने आधी रात को फोन कर के उस वकील को धमकाया है जो जस्टिस बीएच लोया की रहस्यमय मौत से जुड़ी सूचनाएं इकट्ठा करने का काम कर रहा था।
बीते 5 और 6 मार्च की दरमियानी रात 1 बजे के करीब फणनवीस ने एडवोकेट और कार्यकर्ता अभियान बारहटे को फोन लगाया। करीब दो मिनट तक चली कॉल के दौरान फणनवीस ने बारहटे को बताया कि उन्हें हाल ही में पता चला कि वकील कोई ”बड़ा काम” कर रहे हैं। फिर फणनवीस ने बारहटे से कहा कि ”हम 2019 में फिर से आ रहे हैं” और उन्हें चेतावनी दी कि जब ”पुलिस उठा लेगी”, ”सलाखों के पीछे” डाल देगी और उसके साथ ”व्यभिचार करेगी” (और अश्लील शब्दों में) तब बाद में ”शिकायत” मत करना। संजय मुख्यमंत्री के चाचा का लड़का है और नागपुर में मुख्यमंत्री का राजनीतिक काम देखता है।
बारहटे ने 6 मार्च को नागपुर के पुलिस आयुक्त को फणनवीस द्वारा ”भद्दी भाषा में आपराधिक धमकी” की शिकायत लिखित में दी। बारहटे आयुक्त को लिखे अपने पत्र में विस्तार से बताते हैं कि 2014 के असेंबली चुनाव के दौरान फणनवीस अपने चचेरे भाई के लिए प्रचार कर रहा था, तब उनकी मुलाकात उससे हुई थी। बारहटे के मुताबिक दोनों ने एक-दूसरे को अपना फोन नंबर दिया था और बाद में इनकी कई मौकों पर मुलाकात भी हुई, लेकिन बीते कम से कम एक साल से दोनों संपर्क में नहीं थे। बारहटे ने लिखा है कि वे बीजेपी के साथ जुड़े लोगों से ”जानबूझ कर दूरी” बनाए हुए थे क्योंकि उन्होंने सतीश उके के साथ काम करना शुरू कर दिया था। उके अधिवक्ता और एक्टिविस्ट हैं। बारहटे ने बताया है कि जज बीएच लोया की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत से जुड़ी जानकारियों को आरटीआइ से जुटाने के काम में वे उके की मदद कर रहे थे। बारहटे बंबई में उके के कई मुकदमों में उनकी जगह पेश हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री के भाई से मिली जानलेवा धमकी के बाद उन्होंने ऐसे एक मामले में अपना वकालतनामा वापस लेने के लिए बॉम्बे हाइकोर्ट में आवेदन भी कर दिया है।
पिछले कुछ साल से उके जज लोया की मौत से जुड़े काग़ज़ात जुटाने में लगे हुए हैं। अपनी मौत के वक्त लोया सोहराबुद्दीन शेख की कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या के मामले की सुनवाई कर रहे थे जिसमें मुख्य आरोपी अमित शाह थे जो अब भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष हैं।
बारहटे की शिकायत के मुताबिक 5 और 6 मार्च की दरमियानी रात एम बजे के करीब उनके पास संजय फणनवीस का फोन आया। फणनवीस ने पूछा, ”पता है कौन बोल रहा है?” बारहटे ने इसका जवाब ना में दिया और कहा कि हाल ही में उन्होंने अपना फोन बदला है। उधर से आवाज़ आई, ”संजय फणनवीस बोलतोय”।
फणनवीस ने कहा, ”पता चला है कि तुम बड़े-बड़े काम कर रहे हो।” बारहटे ने पूछा क्या मतलब है। फणनवीस ने जवाब दिया, ”हम लोग 2019 में भी आ रहे हैं। हम देखेंगे कि तुम्हारा क्या किया जाए। हम सब कुछ देख लेंगे। फिर बाद में मत कहना कि मुझे जेल जाना पड़ा… पुलिस ने मुझे उठा लिया…मेरे साथ दुराचार हुआ… ये सब बाद में मत बोलना… तुम्हारी बीवी की थोड़ी इज्जत करता हूं इसीलिए मैं तुमसे बात कर रहा हूं। समझे…?”
यह कहानी द कारवां पर अतुल देव की ताज़ा स्टोरी का एक अंश है और वहां से साभार है