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मीडिया विजिल ब्यूरो
झारखंड सरकार ने ‘रांची प्रेस क्लब’ को एक ‘संवैधानिक संस्था’ का दर्जा प्रदान किया है। इसके नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री रघुवर दास आज शपथ ग्रहण कराएंगे। इस भव्य समारोह के लिए रांची प्रेस क्लब के आमंत्रण पत्र पर झारखंड सरकार का ‘लोगो’ मुद्रित है। शपथ ग्रहण समारोह आज 17 जनवरी की शाम चार बजे रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में होगा।
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रांची प्रेस क्लब का गठन ‘सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860’ के अंतर्गत हुआ है। अतएव यह एक एनजीओ मात्र है। इसके आमंत्रण पत्र पर राज्य सरकार के ‘लोगो’ का दुरुपयोग दंडनीय अपराध है। लेकिन झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहयोग से मुद्रित आमंत्रण पत्र में सरकारी ‘लोगो’ का दुरूपयोग होने पर भी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई करने की संभावना नहीं है। इससे पहले राज्य के नगर विकास विभाग की शह पर एक बिल्डर ने भी अपने विज्ञापन में राज्य सरकार के ‘लोगो’ का दुरुपयोग किया था। उस पर राज्य के एक सांसद द्वारा आपत्ति प्रकट किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
राज्य सरकार ने रांची प्रेस क्लब के लिए नया और विशाल भवन बनाकर दिया है। किसी फाइव स्टार होटल जैसे अपने भवन के बावजूद सरकारी खर्च पर आर्यभट्ट सभागार में इस हास्यास्पद और अवैधानिक ‘शपथ-ग्रहण’ को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं। कहा जा रहा है कि राज्य सरकार द्वारा मीडिया को अपना जरखरीद ग़ुलाम बनाने के लिए ऐसे प्रलोभन दिए जा रहे हैं। मीडिया को सरकारी एहसान के बोझ तले लाद दिया जाएगा ताकि मीडिया खामोश रहे।
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि ऐसी हास्यास्पद कोशिशों से मीडिया तो अपनी जगहंसाई कराएगा ही, सरकार को भी कुछ लाभ नहीं होगा। कारण
यह कि रांची प्रेस क्लब के पदाधिकारियों को नई टीम में ज्यादातर लोग अब किसी मुख्यधारा के मीडिया संस्थान से जुड़े नहीं होने के कारण राज्य में पत्रकारिता की गति और दिशा को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं रह गए हैं।
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संस्थाओं का यह पतन चिंताजनक माना जा रहा है। एक वरिष्ठ पत्रकार के अनुसार आज की तारीख को झारखंड में पत्रकारिता के इतिहास का काला दिन कहा जाएगा। इससे भी शर्मनाक यह बात भी इतिहास में दर्ज होगी कि जब सत्ता द्वारा पत्रकारिता को सरेआम हमबिस्तर बनाया जा रहा हो, तब समूचा विपक्ष और सारे बुद्धिजीवी चुपचाप सर झुकाए दुम हिलाते नजर आ रहे हैं।
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