अनिल कुमार यादव
गुजरात चुनाव परिणाम की धूल अब धीरे-धीरे बैठ रही है. चुनाव आयोग की तरफ से चुनावी आंकडे भी जारी हो गए हैं. लेकिन इन आंकड़ों का ठंडे दिमाग से विश्लेषण होना बाकी है. गुजरात के चुनाव में हिंदी प्रदेशों और मीडिया में सबसे ज्यादा चर्चा जिग्नेश मेवानी को लेकर रही. लोग तरह- तरह के कयास लगाते रहे कि गुजरात में दलितों का रुझान क्या रहेगा. क्या जिग्नेश की कयादत में दलित भाजपा के विरोध में वोट करेगा? गुजरात में 13 विधानसभा सीट दलितों के लिए आरक्षित हैं. वैसे तो उत्तर प्रदेश में भी दलितों की पार्टी कही जाने वाली बसपा का प्रदर्शन भी आरक्षित सीटों पर बहुत अच्छा नही रहा है पर वोट प्रतिशत की बात की जाये तो बसपा मजबूत जरूर रही है.
गुजरात चुनाव : यह भाजपा की जीत नहीं, कांग्रेस के लिए राहत है
चुनावी अध्ययनों से पता चलता है कि आरक्षित सीटों पर गैर दलित मतदाता ही चुनावी हार-जीत को तय करते हैं. इसलिए बात अगर उत्तर प्रदेश की हो तो आरक्षित सीटों पर सवर्ण, पिछडे और मुसलमानों का चुनावी व्यवहार बसपा के खिलाफ होता है. लेकिन दलित बसपा के पक्ष में लगभग एकजुट रहते हैं. यह चर्चा इसलिए जरूरी है कि गुजरात में दलित वोटिंग के व्यवहार हो समझा जा सके कि आखिर गुजरात में दलितों का रूख कैसा रहा है. यदि 1990 के चुनाव से देखा जाए तो भाजपा आरक्षित सीटों पर कांग्रेस से बीस रही है. नब्बे के चुनाव में जनता दल और भाजपा दोनों को 6-6 सीटें मिलीं. 1995 में भाजपा को 10 और कांग्रेस को महज तीन सीट मिली.
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इस चुनाव में भाजपा को आठ सीट मिली हालाँकि दलितों के लिए आरक्षित सीटों पर भाजपा को ज्यादा नुकसान नही हुआ है. पर इससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इन सीटों पर उना आन्दोलन के नेता जिग्नेश मेवानी का प्रभाव भी नही दिखा. मात्र कड़ी और राजकोट ग्रामीण सीट पर भाजपा क्रमशः 7746 और 2179 वोट से चुनाव जीती. बाकी 6 सीटों पर भाजपा 14 हज़ार से लेकर 52 हज़ार वोटों से विजयी हुई. यहां अगर उत्तर प्रदेश के आरक्षित विधानसभाओं से तुलना की जाए तो जीत-हार का अंतर इतना बड़ा नही होता है.
आरक्षित सीटों पर पार्टीवार प्रदर्शन (1990-2017)
Year | BJP | INC | JD | Other |
1990 | 6 | 1 | 6 | 0 |
1995 | 10 | 3 | ||
1998 | 8 | 5 | ||
2002 | 9 | 4 | ||
2007 | 11 | 2 | ||
2012 | 10 | 3 | ||
2017 | 8 | 4 | 1 |
यानि कि जिग्नेश मेवानी अपने चुनाव जीतने में सफल तो हो गए पर दलित वोट को कांग्रेस की तरफ मोड़ पाने में असफल रहे.
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वोटों के मार्जिन के आंकड़े : अगर-मगर कुछ हो जाता तो गुजरात से भाजपा का पत्ता साफ़ था
चुनाव हो जाने पर अगर-मगर पर बात खूब होती है. अगर इतना इस सीट पर इतना वोट और मिल गया होता तो अमुक पार्टी जीत जाती मगर इतने वोट से हार गयी. यह तस्वीर बनाने के लिए पहले हम 2012 के चुनाव की बात करते हैं. हमने 2012 के चुनाव में उन सीटों को सूचीबद्ध किया जिन पर हार-जीत तीन हज़ार से कम वोटों पर हुई थी. इस तरह की 23 सीटों पर कांग्रेस 16 सीटों पर जीती थी. यानि की इन 16 सीटों पर कांग्रेस तीन हज़ार से कम वोट से चुनाव जीती थी.
विधान सभा चुनाव -2012 के आंकड़े | ||
CONSTITUENCY | WINNING PARTY | MARGIN |
ANANDA | BJP | 987 |
BAPUNAGAR | BJP | 2603 |
CHHOTA UDAIPUR | INC | 2305 |
DEHEGAM | INC | 2297 |
DANSINC | INC | 2422 |
DARIAPUR | INC | 2621 |
DEDIAPADA | BJP | 2555 |
DHARI | GPP | 1557 |
DHORAJI | INC | 2943 |
GODHARA | INC | 2869 |
JAMNAGAR SOUTH | BJP | 2862 |
KODI | INC | 1217 |
KOLAI | INC | 343 |
KONKREJ | INC | 600 |
LATHI | INC | 2764 |
LIMKHEDA | INC | 1561 |
MORBI | BJP | 2760 |
SONKHEDA | INC | 1452 |
SAVARKUNDLA | BJP | 2384 |
SOJITRA | INC | 162 |
SOMNATH | INC | 2096 |
TALALA | INC | 1478 |
UMRETHA | INC | 1394 |
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इसी आधार पर हम 2017 के चुनावी परिणाम के आधार उन सीटों की लिस्ट बनाएं तो हम पाते हैं कि इस चुनाव में इस तरह की सीटों की संख्या 21 है जिन पर हार-जीत का फैसला तीन हज़ार से कम वोटों पर हुआ है.
विधानसभा चुनाव 2017 के आंकड़े |
||
CONSTITUENCY | WINNING PARTY | MARGIN |
BOTAD | BJP | 906 |
DEODAR | INC | 972 |
DHANERA | INC | 2093 |
DHOLKA | BJP | 327 |
FATEHPURA | BJP | 2711 |
GODHARA | BJP | 258 |
HIMMATNAGAR | BJP | 1712 |
JAMJODHAPUR | INC | 2518 |
KOPRADA | INC | 170 |
KHANBHAT | BJP | 2318 |
MANSA | INC | 524 |
PORBANDAR | BJP | 1855 |
PRANTIJI | BJP | 2551 |
RAJKOT (R) | BJP | 2179 |
SOJITRA | INC | 2388 |
TALAJA | INC | 1779 |
UMRETH | BJP | 1883 |
VAGRA | BJP | 2628 |
VIJAPUR | BJP | 1164 |
VISNAGAR | BJP | 2869 |
WANKENAR | INC | 1361 |
तीन तिलंगे और एक राजकुमार: गुजरात चुनाव का हासिल या सिफ़र?
यहां भाजपा को नुकसान हुआ है. तस्वीर बिलकुल पलट गयी है. 21 में 14 सीटें इस तरह की हैं जहाँ भाजपा तीन हज़ार से कम अंतर से कांग्रेस से जीती है और सात सीटों पर कांग्रेस भाजपा से जीती है. यानि की अगर-मगर कुछ हो जाता तो गुजरात से भाजपा का पत्ता साफ़ था…।
(जारी)
लेखक गिरि विकास संस्थान लखनऊ में कार्यरत है और चुनावी राजनीति के अध्येता हैं