महाराष्ट्र के वासिम का एक वीडियो कई दिनों से सोशल मीडिय में वायरल है। रिसोड़ तहसील के करा गाँव में एक युवक ने एक लंगूर को पीट-पीटकर मार डाला। इस दिल दहला देने वाली क्रूरता का वीडियो बनाया और फिर यह व्हाट्स ऐप के ज़रिए वायरल हो गया। उसके बाद जगह-जगह के हिंदू संगठन इसे लेकर राम और हनुमान की सौगंध खिलाने लगे..
वीडियो में बंदर को पीटने वाले युवक ने टोपी पहन रखी है। नतीजा, सोशल मीडिया में उसे मुसलमान मानते हुए मुस्लिमों के ख़िलाफ़ घृणा फैलाई जाने लगी। हालाँकि वीडियो वायरल होने के बाद शनिवार रात ही वन विभाग के अधिकारियों ने जब उसे दो नाबालिग साथियों को गिरफ्तार किया तो नाम पवन निकला।
लेकिन वीडियो अपना काम कर रहा है। देश के विभिन्न इलाकों में इस वीडियो के नाम पर हनुमान और राम की सौगंध खिलाई जा रही है।
यह पहली बार नहीं है। सोशल मीडिया में भड़काऊ वीडियो डालकर समाज को ध्रुवीकरण की आग में झोंकने, समुदायों के बीच नफ़रत फैलाने का जैसे राष्ट्रीय अभियान चल रहा है। हद तो ये है कि पढ़े-लिखे और समझदार कहे जाने वाले लोग भी इन पर आँख मूँदकर भरोसा कर लेते हैं।
जानकारी के मुताबिक शनिवार को कुरा गांव में एक बंदर खेतों में घूम रहा था। उसी समय पवन बांगर नामक युवक अपने दोस्तों के साथ वहां से जा रहा था। पवन और उसके दोस्तों ने बंदर को कुछ खाने देने के बहाने पास बुला लिया और पकड़ लिया। इसके बाद पवन ने उसकी लाठी से पिटाई शुरू कर दी। गंभीर रुप से घायल हुए बंदर को पवन ने खेत में एक पेड़ से उल्टा लटकाया फिर से उसकी लाठी से तब तक पिटाई करता रहा जब तक बंदर की मौत नहीं हो गई। पवन जब पिटाई कर रहा था तब उसने दोस्तों से इसका वीडियो बनाने के लिए कहा। बंदर की पिटाई का वीडियो पवन ने व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया। इसके बाद यह वीडियो वायरल हुआ।