कोरोना वायरस की वजह से स्कूल बंद होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर पूछा था कि वे बताएं कि वे बंद के दौरान बच्चों को भोजन कैसे देंगे? कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण दिल्ली-एनसीआर और अन्य कई राज्यों में 31 मार्च तक स्कूल बंद हैं. केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर 16 मार्च को सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था. अदालत के इस आदेश के बाद केंद्र ने राज्यों को आदेश जारी कर कहा है कि वे कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के सभी छात्रों को गर्म पका हुआ भोजन दें या भोजन भत्ता दें.
COVID-19 outbreak: SC issues notices, asks states and UTs how children are being provided mid-day meals as schools have shut down
— Press Trust of India (@PTI_News) March 18, 2020
मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से स्कूल बंद होने से बच्चों को मिड-डे मील नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में राज्य बच्चों को घर पर ही भोजन मुहैया कराएं या उन्हें खाद्य सुरक्षा भत्ता दें.
एचआरडी मंत्रालय के संयुक्त सचिव आरसी मीणा द्वारा शुक्रवार को सभी राज्य सरकारों को लिखे गए पत्र में कहा गया, ‘जैसा कि देश कोविड-19 की वजह से मुश्किल भरे दौर से गुजर रहा है. ऐसे में राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी जाती है कि कोरोना वायरस की वजह से स्कूल बंद होने तक वे सहूलियत के हिसाब से या तो बच्चों को गर्म पका हुआ मिड डे मील मुहैया कराएं या उन्हें फूड सिक्योरिटी अलाउंस दें.’
उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप के चलते देश के कई हिस्सों में स्कूलों के बंद होने के कारण बच्चों के लिए मिड-डे मील उपलब्ध नहीं होने के मामले का बुधवार, 18 मार्च को संज्ञान लिया.
COVID-19 outbreak: SC takes note of non-availability of mid-day meals to children due to shutting down of schools
— Press Trust of India (@PTI_News) March 18, 2020
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व में एक पीठ ने मामले पर संज्ञान लिया और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर पूछा था कि स्कूल बंद किए जाने पर बच्चों को मिड-डे मील कैसे उपलब्ध कराया जा रहा है?
pdf_upload-371433केरल स्कूल बंद होने की वजह से घर पर रह रहे छात्रों को पहले से ही गर्म पका हुआ खाना मुहैया करा रहा है.
As the Anganwadis have been shut, the scheme was designed to ensure that nutritious foods necessary for the growth of these children.https://t.co/HgqxjYxlGl
— The Logical Indian (@LogicalIndians) March 13, 2020
पश्चिम बंगाल ने भी इसी तरह की घोषणा की है. अदालत के संज्ञान और केंद्र के आदेश के बाद तमाम राज्य पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों के घर मिड डे मील पहुंचाने में लग चुके हैं.