कोरोना: जनगणना और NPR सर्वे कुछ वक्त के लिए रोक सकती है केंद्र सरकार!

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कोरोना महामारी के कारण नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर का काम कुछ समय के लिए स्थगित किया जा सकता है. एनपीआर की प्रक्रिया 1 अप्रैल से शुरू होनी थी. इस वक्त जानलेवा कोरोना वायरस के कारण जगह-जगह प्रतिबंध और लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार इस प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोक सकती है. इस विषय पर आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है.

‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 के कारण 1 अप्रैल से शुरू होने वाली एनपीआर प्रक्रिया को केंद्र सरकार कुछ समय के लिए टाल सकती है. रिपोर्ट में दो सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कोरोना वायरस के कारण केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जनसंपर्क को सीमित कर दिया गया है, ऐसे में जनगणना और एनपीआर अपडेट का काम आगे नहीं बढ़ पाएगा, हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है.

उधर,ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कोरोना वायरस संकट के चलते जनगणना से जुड़ी गतिविधियों और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर सर्वे को स्थगित करने के लिए केंद्र सरकार से मांग की है. पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में चिट्ठी लिखी है.पटनायक ने चिट्ठी में लिखा, “मैं निर्धारित जनगणना और संबंधित गतिविधियों को देश में स्थगित करने का सुझाव देता हूं. इस संबंध में जैसी स्थिति आगे बने उसके मुताबिक समीक्षा की जा सकती है. पटनायक ने कहा कि लोगों के हित में केंद्र सरकार से मैं प्रस्तावित जनगणना की समीक्षा करे और सही फैसला करे.”

पटनायक के मुताबिक, इस वक्त राज्य प्रशासन से जुड़ी पूरी मशीनरी कोरोना वायरस से लड़ाई में जुटी है. ऐसे में जनगणना और एनपीआर से जुड़े सर्वे की गतिविधियां शुरू होने से फील्ड वर्कर्स और लोगों को जोखिम हो सकता है.

दिल्ली सरकार ने केंद्र को यह भी लिखा है कि जनगणना-एनपीआर संचालन को “कम से कम एक महीने” तक स्थगित किया जा सकता है.

जनगणना की शुरुआत राष्ट्रपति से होती है और कोरोना के ख़तरे के कारण राष्ट्रपति के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गये हैं और वे किसी से नहीं मिल रहे हैं.

जनगणना के लिए हाउस लिस्टिंग का काम एक अप्रैल से शुरू करना था, ताकि सांख्यिकी पंजीयन महानिदेशालय में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को अपडेट किया जा सके. जनगणना और एनपीआर के लिए 30 लाख फील्ड फंक्शनरीज की ट्रेनिंग भी शुरू हो गयी थी. लेकिन कोरोना से बचाव के कारण अधिकतर सेंटर्स को बंद करना पड़ा. सेंटर दोबारा कब खुलेंगे, यह अभी तक सुनिश्चित नहीं है. कोरोना के कारण एनपीआर और जनगणना पत्रों की प्रिंटिंग भी प्रभावित हुई है. इसके लिए करीब 3 करोड़ फार्म छपने हैं.

सरकारी योजना के अनुसार, एनपीआर के अपडेट करने और हाउस लिस्टिंग का काम 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक पूरा होना था. इसके बाद दूसरे चरण में जनगणना का काम 5 से 28 फरवरी 2021 तक और इसके रिवीजन का काम 1 से 5 मार्च 2021 तक होना है. केंद्र सरकार इस पूरी कवायद के लिए 8,754 करोड़ रुपए आवंटित कर चुकी है.


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