राजीव जी ने दूरसंचार क्रांति के ज़रिए भारत को नया सपना दिया- प्रियंका

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विश्व दूरसंचार दिवस पर विशेष-

“मेरा सपना है एक मजबूत, आजाद, आत्मनिर्भर और दुनिया के अगुआ देशों की कतार में खड़े भारत का।”

यह बात पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने एक बार कुछ विदेशी नेताओं के साथ बातचीत में कही थी। यह ऐसा सपना था ​जो न सिर्फ खुली आंखों से देखा गया, बल्कि इसके लिए जो प्रयास किए गए, वे भारत के विकास में मील के पत्थर साबित हुए। इस दिशा में सबसे खास है कंप्यूटर, तकनीक और दूरसंचार क्रांति।

देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव जी शुरू से ही मानते थे कि विज्ञान और तकनीक के सहारे ही भारत की प्रगति को तेज किया जा सकता है। प्रधानमंत्री बनते ही एक तरफ उन्होंने धड़ाधड़ फैसले लेने शुरू किए, तो दूसरी तरफ घर-घर में कंप्यूटर और गांव-गांव तक टेलीफोन पहुंचाने के लिए ठोस नीतियों पर काम शुरू हुए। सैम पित्रोदा जैसे विशेषज्ञों के साथ मिलकर राजीव जी ने 1984 में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) की ताकि देश में दूरसंचार नेटवर्क की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

उनके पद संभालने के महज साल के अंदर राजीव जी का सपना आकार लेने लगा। एक मजबूत दूरसंचार तंत्र का ढांचा तैयार हो गया। देश भर में दूरसंचार नेटवर्क का जाल बिछना शुरू हो गया। जगह-जगह पीसीओ खुलने लगे और पूरे देश में पीसीओ बूथों की बाढ़ आ गई। 1986 में MTNL की स्थापना ने इस प्रयास में चार चांद लगा दिए। सा​थ में टेलीफोन केंद्रों के डिजीटलीकरण का काम शुरू किया गया। इस तरह भारत में दूरसंचार क्रांति का रास्ता तैयार हुआ।

दूरगामी परिणाम के ध्यान में रखकर फैसले किए गए। एक तरफ निजी कंपनियों को मौका दिया गया तो दूसरी तरफ सरकार ने 1986 में ही टेलीफोन निगम लिमिटेड और विदेश संचार निगम लिमिटेड की भी स्थापना की। इसके अलावा एक दूरसंचार आयोग भी बनाया गया। इन सरकारी संस्थानों की मदद से दूरसंचार क्रांति संभव हो सकी।

राजीव गांधी जी कहते थे कि भारत 21वीं सदी में पहुंचेगा तो दुनिया दांतों तले उंगली दबा लेगी कि भारत ने इतनी प्रगति कैसे कर ली! आज भारत आईटी सेक्टर में अग्रणी देशों में है और हमारे हर नागरिक हाथ में मोबाइल फोन है। एक दूरदर्शी सोच और उसके तहत लिया गया ईमानदार फैसला ही देश को मजबूत बना सकता है।

सभी देशवासियों को विश्व दूरसंचार दिवस की शुभकामनाएं।

 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के फेसबुक पेज से आभार सहित प्रकाशित।