कोरोना और बाढ़ के दोहरे संकट से जूझ रहे बिहार में ‘युवा हल्ला बोल’ ने ‘सहयोग भी, सवाल भी’ कैंपेन शुरू किया है। ‘युवा हल्ला बोल’ के कार्यकर्ता बाढ़ग्रस्त इलाकों में ज़रूरतमंदों की मदद कर रहे हैं साथ ही सरकार की नाकामी को लेकर उससे सवाल भी कर रहे हैं।
‘युवा हल्ला बोल’ का कहना है कि वैसे तो बिहार ग़रीबी, भूखमरी, बेरोजगारी के लिए देश दुनिया में विख्यात है। पर अभी जो स्थिति बनी है, वह अभूतपूर्व और चिंताजनक है। एक तरफ़ बाढ़ की त्रासदी, तो दूसरी तरफ़ वैश्विक महामारी कोरोना का कोप। एक तरफ वायरस का संक्रमण बढ़ रहा तो दूसरी तरह नदियों का जलस्तर बढ़ रहा। आज इन दोनों संकट से जूझता बिहार मदद के लिए हर तरफ देख रहा है। राज्य और केंद्र सरकार की तमाम कोशिशें नाकाफ़ी साबित हो रही हैं। ऐसे में समाज के हर वर्ग को आगे आकर बिहारवासियों को इस संकट से उबारने में मदद करना पड़ेगा।
राज्य सरकार बाढ़ और कोरोना से निपटने के लिए SOP बनाकर काम कर रही है। दिनों दिन स्थिति के बदतर होने की वजह से SOP के उचित क्रियान्वयन पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
उत्तरी बिहार के लगभग 10 जिले सीतामढ़ी, पूर्णिया, अररिया, सहरसा, सुपौल, खगड़िया, मधेपुरा, कटिहार, मुजफ्फरपुर, बाढ़ और कोरोना की दोहरी मार झेल रहा है। अनुमान है कि इस आपदा ने उत्तरी बिहार 04 करोड़ की आबादी को अपने चपेट में ले लिया है।
आजीविका और स्वास्थ्य संकट की विकट त्रासदी को देखते हुए “युवा हल्ला बोल” ने प्रभावित इलाकों में एक टीम भेजा है। “सहयोग भी, सवाल भी” नाम से शुरू किया गया यह विशेष अभियान प्रभावित लोगों के दर्द और पीड़ा को समझेगा और राज्य सरकार के प्रयासों को प्रभावित लोगों तक पहुंचाने में मदद करेगा। साथ ही कमियों को उजागर करके सरकार से सवाल और प्रशासन को जवाबदेह भी बनाएगा।
जब बिहार में बाढ़ की विभीषिका है और कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है, तो ये तस्वीर सरकारी दावों की पोल खोलता है।
देखिए कि एक नाव पर कितने लोग सवार हैं। न मास्क, न सेनिटाइजर और न शारीरिक दूरी।
लेकिन सरकार का ध्यान जब बम्बई में हो तो कोसी क्षेत्र को कौन देखेगा?#SahyogBhiSawalBhi pic.twitter.com/0dC3S4w2bK
— Yuva Halla Bol (@yuvahallabol) August 4, 2020
“युवा हल्ला बोल” इस अभियान में समाज के अन्य लोगों, मीडिया, और स्वयंसेवी संगठनों को शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है। आइए हम सब मिलकर अपने बिहार को इस दोहरे संकट से निकालें।
‘युवा हल्ला बोल’ के अतुल झा द्वारी जारी विज्ञप्ति पर आधारित