‘आशा संयुक्त मोर्चा’ के तत्वाधान में आशा कार्यकर्ता नीतीश सरकार की वादाखिलाफी, हकमारी व सरकारी उपेक्षा से आक्रोशित आज दूसरे दिन भी गर्दनीबाग धरनास्थल पर जमीं रहीं। आशा कार्यकर्ताओं की नेता शशि यादव ने आज अपने संबोधन में कहा कि यदि सरकार अपना अड़ियल रवैया नहीं छोड़ती है, वार्ता की पेशकश नहीं करती है तो आगामी 25-26 मार्च को आशा कार्यकर्ताओं की राज्यव्यापी हड़ताल होगी। यदि सरकार तब भी हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे। हम सरकार के विश्वासघात को कत्तई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
आज के कार्यक्रम में ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, उषा सिंह, तरन्नुम, फैजी, जुली, मालती राम आदि वक्ताओं ने आशा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
#आशा_आंदोलन 25-26 की राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा के साथ आशाओं का दो दिवसीय महाधरना समाप्त!सरकार अगर सम्मानजनक मासिक मानदेय की घोषणा नही करती है,तो अनिश्चित हड़ताल में जाएंगी आशा!#लड़ेंगे_जीतेंगे pic.twitter.com/1s5WiFPArw
— Shashi Yadav (@Shashi_Aipwa) March 17, 2021
वक्ताओं ने कहा कि आशा कार्यकर्ता बिहार में ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं और उन्हीं की मेहनत का नतीजा है कि राज्य में टीकाकरण की प्रगति बेहतर हुई है। जच्चा-बच्चा मृत्यु दर में गिरावट हुई है, संस्थागत प्रसव बढ़ा है। कोरोना काल में भी आशा कार्यकर्ताओं की उल्लेखनीय भूमिका रही है। इसके बावजूद सरकार उन्हें स्वास्थ्य कर्मचारी के बतौर न्यूनतम मासिक मानदेय तक नहीं दे रही है।
आशा नेताओं ने कहा कि 1000 में दम नहीं 21000 मासिक मानदेय देना होगा, आशा को सरकारी कर्मी घोषित करो, सभी आशाओं का सेवा रिकाॅर्ड स्थापित करना होगा, सभी काम का अलग-अलग मेहनताना समय भुगतान करने आदि मांगों पर गर्दनीबाग में हजारों आशा कर्मियों ने आशा संयुक्त संघर्ष मंच के आह्वान पर जारी यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जबतक सरकार हमारी मांगें मान नहीं लेती।